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    उत्तर प्रदेश में 10 लाख से अधिक बालिकाएं बनीं निडर, विद्यालय स्तर पर आयोजित किया गया आत्मरक्षा प्रशिक्षण

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 08:41 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण बालिकाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रहा है। शैक्षिक सत्र 2025-26 में 10,78,402 से अधिक ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में बालिकाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण को मजबूती देने वाला रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण सकारात्मक परिणाम दे रहा है। शैक्षिक सत्र 2025-26 में अब तक प्रदेश की 10,78,402 बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह प्रशिक्षण 38,465 विद्यालयों में विद्यालय स्तर पर आयोजित किया गया है।

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    यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बालिकाओं को केवल आत्मरक्षा की तकनीकें ही नहीं सिखा रहा, बल्कि उनमें आत्मसम्मान, सतर्कता, साहस और निर्णय क्षमता का भी सशक्त विकास कर रहा है। विद्यालयों में नियमित अभ्यास और प्रशिक्षित मार्गदर्शन के कारण बालिकाएं स्वयं को अधिक सुरक्षित, सजग और आत्मविश्वासी महसूस कर रही हैं।

    मौजूदा शैक्षिक सत्र में 45,656 उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में क्रियान्वयन के लिए 2282.80 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसका उद्देश्य विद्यालय स्तर पर बालिकाओं को नियमित, व्यवस्थित और गुणवत्तापूर्ण आत्मरक्षा प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है।

    प्रशिक्षण की प्रभावी निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यूडीआइएसइ आधारित आइसीटी प्लेटफार्म वीरांगना मानिटरिंग पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है। इस पोर्टल के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली बालिकाओं की प्रतिदिन आनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाती है।

    साथ ही प्रशिक्षण से जुड़े वीडियो, बेस्ट प्रैक्टिस, फोटोग्राफ और प्रेरणादायी सामग्री भी साझा की जाती है, जिससे विद्यालय स्तर पर प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनी रहे। महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी के अनुसार वीरांगना पोर्टल के माध्यम से सतत निगरानी की हो रही है कि बालिकाओं को प्रभावी और नियमित प्रशिक्षण मिले।

    चित्रकूट आगे आजमगढ़ पीछे

    कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में चित्रकूट सबसे आगे है। इसके अलावा अमेठी, गाजियाबाद, कासगंज, अंबेडकरनगर, गोंडा, भदोही, इटावा, बलिया और हापुड़ भी अग्रणी जिलों में शामिल हैं।

    इन जिलों में 65 से 90 प्रतिशत तक विद्यालयों में प्रशिक्षण पूरा कराया जा चुका है। वहीं आजमगढ़, मुरादाबाद, अमरोहा, उन्नाव, रायबरेली, आगरा, झांसी, कुशीनगर, संभल और हरदोई जैसे जिले पीछे चल रहे हैं। इन जिलों में केवल तीन से 19 प्रतिशत विद्यालयों में ही आत्मरक्षा प्रशिक्षण हो पाया है।