महाराष्ट्र में शिव सैनिकों की गुंडागर्दी के खिलाफ उतर सकते भीम सैनिक, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने दी चेतावनी
Maharashtra Political Crisis केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने महाविकास आघाड़ी को महाविनाश आघाड़ी बताया। उन्होंने कहा कि ये सरकार ढाई साल में विधानसभा का स्पीकर इसीलिए नहीं चुन सकी क्योंकि उन्हें डर था कि विधायक टूट सकते हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास आठवले ने कहा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दिया है। चार-पांच विधायक शिदे के साथ और जा सकते हैं। महाविकास आघाड़ी सरकार अल्पमत में आ गई है और उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। जिस तरह से शिवसैनिक गुंडागर्दी कर रहे हैं, उनके विरुद्ध रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (आरपीआइ) के भीम सैनिक भी सड़क पर उतर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने रविवार को योजना भवन में पत्रकारों से महाविकास आघाड़ी को महाविनाश आघाड़ी बताते हुए कहा कि ये सरकार ढाई साल में विधानसभा का स्पीकर इसीलिए नहीं चुन सकी, क्योंकि उन्हें डर था कि विधायक टूट सकते हैं। अब दो तिहाई विधायक एकनाथ शिंदे के साथ हैं, शिंदे के दल को मान्यता मिलनी चाहिए। महाराष्ट्र में पुलिस के सामने विधायकों के घर व कार्यालयों पर हमले हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिंदे की ओर से भाजपा को सरकार बनाने का प्रस्ताव मिलते ही देवेंद्र फणनवीस मुख्यमंत्री और शिंदे उपमुख्यमंत्री होंगे। इस सरकार में आरपीआइ भी शामिल होगी। आठवले ने यह भी कहा कि उद्धव अपने विधायक संभाल नहीं सके और आरोप भाजपा पर लगा रहे हैं।
आठवले ने कहा कि आदिवासी समाज की महिला को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा का अभिनंदन करते हैं। बसपा प्रमुख मायावती को भी आभार ज्ञापित करते हैं कि उन्होंने राजग प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान किया है। यूपी के अन्य दलों को इसका अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासी महिला को निर्विरोध राष्ट्रपति निर्वाचित कराने की जिम्मेदारी अब विपक्ष की है। चुनाव होने पर भी द्रौपदी मुर्मू भारी बहुमत से जीतकर उच्च पद पर आसीन होंगी।
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने मोदी सरकार के आठ साल का कविता में गुणगान करते हुए कहा कि सबका साथ, सबका विकास के तहत देशभर में विकास कार्य हो रहे हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अब रामपुर व आजमगढ़ की सीटों पर भी जीत हासिल की है। दोनों जगहों के मतदाताओं ने विकास के नाम पर वोट दिया है।
आठवले ने कहा कि मायावती का जनाधार खत्म होता जा रहा है। 2007 में पूर्ण बहुमत पाने वाली पार्टी 2022 में एक सीट पर सिमट गई। बसपा के नेता व कार्यकर्ता लगातार आरपीआइ से जुड़ रहे हैं। यूपी में आरपीआइ अब अपनी ताकत बढ़ाएगी।
उन्होंने कहा कि 55 जिलों में अध्यक्ष व कार्यकारिणी गठित कर चुके हैं अन्य जिलों में भी जल्द टीम तैयार होगी। 27 नवंबर को लखनऊ में आवास विकास परिषद की वृंदावन योजना के मैदान में महासम्मेलन होगा। आठवले ने कहा कि यूपी की सत्ता में आरपीआइ को भागीदारी तभी मिलेगी जब वह अपनी ताकत दिखाएगी। यहां प्रदेश अध्यक्ष पवन गुप्ता व अन्य मौजूद रहे।