Education In UP: परिषदीय स्कूलों में आउट आफ स्कूल बच्चों का नौ माह का विशेष प्रशिक्षण कल से, नोडल अध्यापक करेंगे देखरेख
Sharda Program in Basic Education प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शारदा कार्यक्रम के तहत प्रवेश पाने वाले बच्चों को नौ माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर विद्यालय में इन छात्र-छात्राओं की देखरेख के लिए नोडल अध्यापक होंगे।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश सरकार की ओर से संचालित शारदा कार्यक्रम के तहत सात से 14 वर्ष तक के बच्चों का परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश दिलाया गया है। ऐसे आउट आफ स्कूल बच्चों का विशेष प्रशिक्षण 20 जुलाई से शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इन बच्चों को कम से कम नौ माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा यदि उनका स्तर नहीं सुधरता है तो यह मियाद बढ़ाई जा सकती है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने निर्देश दिया है कि खंड शिक्षा अधिकारी हर विद्यालय में इसके लिए एक नोडल अध्यापक का चयन करेंगे। यह विशेष प्रशिक्षण स्कूल अवधि में ही दिया जाएगा। ऐसे बच्चों को पाठ्य सामग्री मुहैया कराई जा चुकी है। बच्चों का हर तीसरे माह मूल्यांकन भी किया जाएगा। इसके बाद बच्चों को उपयुक्त कक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। महानिदेशक ने नोडल अध्यापक व स्पेशल एजूकेटर के कार्य व दायित्व भी तय कर दिए हैं। हर माह की प्रगति से जिला परियोजना शिक्षा समिति व राज्य परियोजना कार्यालय को अवगत कराया जाएगा।
क्या है शारदा कार्यक्रम: निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 के अन्तर्गत 06-14 आयु वर्ग के समस्त बालक-बालिकाओं को निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार हैं। 5 वर्ष से 14 वर्ष आयु वर्ग के ऐसे बच्चे जिन्हें किसी विद्यालय में नामांकित नहीं किया गया है अथवा नामांकन के उपरान्त वे अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण नहीं कर सके हैं उनका चिन्हीकरण करते हुए नामांकन आयुसंगत कक्षा में कराया जायेगा।
अगस्त के तीसरे सप्ताह विद्यालयों में होंगी बैठकें: राज्य परियोजना निदेशक ने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि अगस्त के तीसरे सप्ताह हर विद्यालय में शिक्षक अभिभावक समिति की बैठक कराई जाए। इसमें अभिभावकों बताया जाएगा कि छात्र-छात्राओं के लिए दो जोड़ी यूनीफार्म खरीदने के लिए 300-300 रुपये, स्वेटर के लिए 200, जूता-मोजा के लिए 125, स्कूल बैग के लिए 175 और दो कापी, दो पेन, दो पेंसिल, कटर आदि खरीदने के लिए 100 सहित कुल 1200 रुपये दिए जा रहे हैं। इससे उन्हें तय सामग्री खरीदनी है। ये धन उन्हें डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा। इसी तरह से निपुण भारत, आपरेशन कायाकल्प, आउट आफ स्कूल बच्चे, विद्यालय प्रबंध समिति पर चर्चा की जाएगी। इसकी रिपोर्ट 10 सितंबर तक राज्य परियोजना कार्यालय को भेजनी है।

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