यूपी में Waqf Board की 83 हजार लापता संपत्तियां खोजी जाएंगी, क्या जब्तीकरण की होगी कार्रवाई?
उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में दर्ज 83 हजार से अधिक संपत्तियों का पता नहीं चल पा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। विभाग सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों से उनके यहां पंजीकृत और दावे वाली वक्फ संपत्तियों की रिपोर्ट मांग रहा है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। वक्फ के रूप में संपत्तियों को दर्ज करने के बाद बड़े पैमाने पर हुए फर्जीवाड़े का चिट्ठा जल्द ही सामने लाया जाएगा। शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में दर्ज ऐसी 83 हजार गुम संपत्तियों का पता लगाया जाएगा, जिनको पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है।
वक्फ संपत्तियों के अपलोड न करने के पीछे की मंशा पर जहां सेंट्रल वक्फ काउंसिल सवाल उठा चुका है, वहीं अब अल्पसंख्यक कल्याण विभाग भी नए सिरे से कुंडली खंगालने की तैयारी कर रहा है। दोनों सदनों से वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद अब एक्ट बनते ही उसके दिशा निर्देशों के आधार पर विभाग वक्फ संपत्तियों की जानकारी जुटाएगा।
इस बीच कई महीने से सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के कार्यालय न आने और नवनियुक्त सीईओ के बीमारी का हवाला देकर लंबी छुट्टी पर चले जाने को लेकर कई सवाल भी उठने लगे हैं। दूरदराज से लोग वक्फ संपत्तियों की जानकारी के लिए कार्यालय आ रहे हैं तो इनको यहां से मायूस ही लौटना पड़ रहा है।
कई साल से दर्ज किया जा रहा संपत्तियों का ब्यौरा
वक्फ काउंसिल के निर्देश पर ही देश के सभी राज्यों में वहां के शिया व सुन्नी वक्फ बोर्ड में दर्ज संपत्तियों का ब्यौरा पिछले कई साल से दर्ज किया जा रहा है। अधिकांश राज्यों के वक्फ बोर्ड ने अपनी पंजीकृत संपत्तियों का ब्यौरा काउंसिल के पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया है।
हालांकि उत्तर प्रदेश के दोनों वक्फ बोर्ड की ओर से जो डाटा अपलोड किया गया है, उसे काउंसिल अधूरा बताते हुए सवाल उठा रहा है। सुन्नी वक्फ बोर्ड की 1.24 लाख और शिया वक्फ बोर्ड की आठ हजार पंजीकृत संपत्तियों का ब्यौरा ही उपलब्ध कराया गया है। काउंसिल का मानना है कि दोनों वक्फ बोर्ड के पास 2.15 लाख संपत्तियां पंजीकृत हैं।
सुन्नी की 2 लाख शिया वक्फ बोर्ड की 15 हजार संपत्तियां शिकायत में दर्ज
इसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड की दो लाख और शिया वक्फ बोर्ड की 15 हजार संपत्तियां हैं। करीब 83 हजार संपत्तियों का डाटा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों से उनके यहां पंजीकृत और दावे वाली वक्फ संपत्तियों की रिपोर्ट मांगी गयी है।
दोनों वक्फ बोर्ड को भी पत्र लिखा जा रहा है कि वह अपने यहां के आंकड़ें की जांच कराएं। रिपोर्ट और वक्फ से मिले आंकड़े से मिलान के बाद अपंजीकृत संपत्तियों की मौजूदा स्थिति का पता लगाया जाएगा।
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