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    यूपी में निष्क्रिय खातों में जमा 9000 करोड़ रुपये, कहीं ये रकम आपकी तो नहीं? दावेदारों की तलाश में बैंक

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 12:07 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के बैंकों में निष्क्रिय खातों में जमा 9127.99 करोड़ रुपये के दावेदारों की तलाश जारी है। 'आपकी पूंजी आपका अधिकार' अभियान के तहत 1 नवंबर से 12 जिलों में शिविर लगेंगे। इन शिविरों में बिना दावे वाली संपत्तियों को प्राप्त करने की जानकारी दी जाएगी। आरबीआई के निर्देश पर वित्तीय साक्षरता अभियान भी चल रहा है, जिसके तहत निष्क्रिय खातों को सक्रिय कराने की जानकारी दी जा रही है।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के बैंकों में 3.13 करोड़ खाते ऐसे हैं जो वर्षों से निष्क्रिय पड़े हैं। इन खातों में लोगों के 9127.99 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। बैंक इन खातों के दावेदारों की तलाश कर रहे हैं। इसके लिए भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियान ‘आपकी पूंजी आपका अधिकार’ का तीसरा चरण एक नवंबर से शुरू होगा।

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    इसके तहत यूपी के 12 जिलों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे। लोगों को बताया जाएगा कि यदि किसी वित्तीय संस्थान में उनकी बिना दावे वाली संपत्तियां हैं, तो वे उसे प्राप्त कर सकते हैं।

    अनुमान है कि अन्य वित्तीय संस्थाओं जैसे बीमा, शेयर, म्यूचुअल फंड आदि में जमा धनराशि को भी जोड़ लिया जाए तो यूपी में लोगों के कम से कम 15,000 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थाओं में होंगे। जानकारी के अभाव में लोग इस रकम को पाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।

    सालों से निष्क्रिय इन खातों के दावेदारों की तलाश में बैंकों की तरफ से कई बार खातेदारों के पतों पर पत्र भेजे जाते हैं। लगातार पत्र भेजने के बाद भी जब कोई दावेदार नहीं आता है तो बैंक उक्त खाते को मय धनराशि रिजर्व बैंक आफ इंडिया को भेज देते हैं। अब शिविर लगाकर ऐसे खातों के दावेदारों की तलाश करने का अभियान शुरू किया गया है।

    राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के संयोजक बैंक आफ बड़ौदा लखनऊ अंचल के प्रमुख शैलेंद्र कुमार सिंह ने शुक्रवार को अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर यह अभियान एक अक्टूबर से 31 दिसंबर तक चलाया जा रहा है। 15 अक्टूबर को मथुरा और 17 अक्टूबर को अलीगढ़ में शिविर लगाए गए थे।

    एक नवंबर से शुरू होने वाले अभियान के तीसरे चरण में बाराबंकी, फिरोजाबाद, गोंडा, हरदोई, खीरी, कुशीनगर, मऊ, मीरजापुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, सोनभद्र और सुलतानपुर जिलों में शिविर लगाए जाएंगे।

    गौरतलब है कि आरबीआइ के निर्देश पर प्रदेश में एक जुलाई से ही वित्तीय साक्षरता का अभियान भी चल रहा है जिसमें निष्क्रिय खातों को सक्रिय कराने के साथ ही दस साल से अधिक समय से निष्क्रिय खातों (डेफ एकाउंट) में जमा पैसे निकालने की जानकारी लोगों को दी जा रही है। यह अभियान 31 अक्टूबर तक है। 57,607 पंचायतों में इस अभियान के तहत शिविर लगाए जा चुके हैं।

    शिविर में रहेगी बिना दावे वाली वित्तीय संपत्तियों की सूची

    एसएलबीसी संयोजक ने बताया कि इन शिविरों में बिना दावे वाली बैंक जमाओं, शेयर, लाभांश, म्यूचुअल फंड, बीमा दावों आदि की सूची उपलब्ध रहेगी। बैंकों के साथ ही अन्य सभी वित्तीय संस्थाओं के प्रतिनिधि मौके पर रहेंगे। यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि उसका या उसके परिवार में किसी व्यक्ति की बिना दावे वाली वित्तीय संपत्ति हो सकती है तो वह शिविर में अपना व संबंधित का नाम पता बताकर जानकारी ले सकते हैं।

    सूची में नाम मिल जाता है तो मौके पर ही फार्म भरकर भुगतान का दावा कर सकेंगे। फार्म के साथ नाम व पते की पहचान के लिए आधार, पासपोर्ट या ऐसे अन्य दस्तावेजों की प्रति देनी होगी। यदि किसी वित्तीय संपत्ति के कई दावेदार हैं तो वे आपसी सहमति से दावा कर सकते हैं। विवादित वित्तीय संपत्तियों का दावा कानूनी प्रक्रिया के तहत ही किया जा सकेगा।

     

    निष्क्रिय बैंक खाते और उनमें जमा धनराशि वाले शीर्ष दस जिले:

    जिला खातों की कुल संख्या जमा रुपये (करोड़ में)
    लखनऊ 10,78,826 620.97
    कानपुर नगर 9,33,684 400.36
    प्रयागराज 8,42,931 360.68
    वाराणसी 8,26,648 299.70
    गाजियाबाद 6,25,944 275.45
    आजमगढ़ 10,03,682 270.52
    जौनपुर 10,86,975 268.72
    आगरा 7,99,515 267.93
    गोरखपुर 6,97,874 259.37
    गाजीपुर 8,77,933 242.74
    कुल योग 88,74,012 3,066.44