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Udaipur Murder Case: कानपुर में भी है दावत ए इस्लामी का जिहादी बनाने का ट्रेनिंग सेंटर, इसी संगठन से जुड़ा है कन्हैया लाल का हत्यारा गौस मोहम्मद

Dawat E Islami Connection In Udaipur Murder Case राजस्थान के उदयपुर में टेलर मास्टर कन्हैया लाल की हत्या में शामिल दोनों आरोपितों का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आ गया है। आरोपित मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद दावत ए इस्लामी संगठन से जुड़े हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 11:25 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 02:03 PM (IST)
Dawat E Islami Connection In Udaipur Murder Case :

लखनऊ, जेएनएन। राजस्थान के उदयपुर में दिन में दुकान में घुसकर कन्हैया लाल का सिर कलम करने वाला हत्यारा गौस मोहम्मद पाकिस्तान के कुख्यात संगठन दावत ए इस्लामी से जुड़ा है। दावत ए इस्लामी के भारत में तीन सेंटर्स हैं, इनमें से एक कानपुर में है। दावत ए इस्लामी युवाओं को बरगलाकर जिहादी बनाने का काम करता है। कानपुर में डिप्टी पड़ाव गुरबत उल्लाह पार्क स्थित एक मस्जिद में मरकज कार्यालय बनाया गया है।

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कानपुर शहर में दावत ए इस्लामी का कार्यालय डिप्टी पड़ाव पर है। पिछले वर्ष मतांतरण को लेकर भी सूफी-इस्लामिक बोर्ड ने दावत- ए-इस्लामी पर आरोप लगाए थे। इसके अलावा मुस्लिम क्षेत्रों में इस संगठन द्वारा बड़े पैमाने पर चंदा एकत्र किया गया था इस मामले में भी काफी विवाद हुआ था, जिसके बाद मुस्लिम क्षेत्रों के चौराहों पर लगे दानपात्र हटाए गए थे। एक अनुमान के मुताबिक, कानपुर में इस जमात के सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद हैं।

उत्तर प्रदेश में तीन जून को जुमे की नमाज के बाद बाद हिंसा के मामले में केन्द्र बिंदु कानपुर का आतंकी संगठनों से जुड़ाव का एक नया मामला सामने आया है। उदयपुर में बीते दिनों टेलर मास्टर कन्हैया लाल का सिर कलम करने वाले गौस मोहम्मद का पाकिस्तान के जिस संगठन दावत ए इस्लामी से जुड़ाव सामने आया है, उसका एक कार्यालय कानपुर में भी है। भारत में इसका मुख्यालय नई दिल्ली तथा मुंबई में है।

कानपुर में बदलते रहे हैं मरकज : कानपुर शहर में दावत ए इस्लामी के मरकज बदलते रहे हैं। सबसे पहले मरकज कर्नलगंज स्थित एक मस्जिद में था। बाद में कर्नलगंज लकड़मंडी स्थित एक मस्जिद में बनाया गया। अब डिप्टी पड़ाव गुरबत उल्लाह पार्क स्थित एक मस्जिद में मरकज बनाया गया है। कानपुर में 1989 से पाकिस्तान से उलमा का एक प्रतिनिधिमंडल आया था। इसके बाद शहर में दावत-ए-इस्लामी ने पांव जमाए। 1994 में हलीम कालेज ग्राउंड में तीन दिवसीय इज्तेमा (सेमिनार) आयोजित किया गया था। इस दौरान पाकिस्तान से मौलाना इलियास कादरी ने भी शिरकत की थी। उसके बाद वर्ष 2000 में नारामऊ में बड़ा इज्तेमा किया गया था।

पाकिस्तान में स्थापित दावत-ए-इस्लामी मुस्लिमों के बीच तबलीग (धर्म का प्रचार) का काम करता है। अपने प्रचार-प्रसार के लिए यह धार्मिक किताबों का प्रकाशन भी करता है। दावत-ए-इस्लामी का टीवी चैनल भी चलता है। इसमें दिन भर केवल धार्मिक कार्यक्रम आते हैं। मदनी टीवी के नाम से चलने वाला चैनल बंगला, उर्दू व अंग्रेजी भाषाओं में है। दावत ए इस्लामी की शाखाएं विश्व के कई देशों में हैं। इसका मुख्यालय मुंबई में है। इससे संबंधित लोग हरी पगड़ी बांधते है। दावत ए इस्लामी में जिहादी बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है। पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी लम्बे समय से भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में लगा है। गौस मोहम्मद भी 2014 में पाकिस्तान जाकर इस संगठन से जुड़ा। इस संगठन का मुख्य मकसद धार्मिक उन्माद फैलाने के साथ युवाओं को भारत के खिलाफ बरगलाने का है। यह संगठन ऑनलाइन कोर्स कराता है और जिहादी बनने की के लिए स्पेशल ट्रेनिंग भी देता है। पाकिस्तान से उलेमा का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल 1989 भारत आया था। इसके बाद भारत में दावत ए इस्लामी संगठन की नींव पड़ी। दिल्ली और मुम्बई में दावत ए इस्लामी संगठन का मुख्यालय है। कानपुर के सेंटर से बिहार तथा पूर्वी भारत के अन्य राज्यों को जोड़ा गया है।

दावत-ए-इस्लामी ने 1994 से कानपुर में बनाई पैठ : सूफी इस्लामिक बोर्ड की ओर से मतांतरण के आरोपों के बाद प्रकाश में आए पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी का नेटवर्क भारत सहित पूरी दुनिया में फैला हुआ है। संस्थापक मौलाना इलियास अत्तारी पाकिस्तान में रहता है। वहीं से इसका संचालन होता है। भारत में दिल्ली और मुंबई में संस्था का हेडक्वार्टर है। दावत-ए-इस्लामी पर सूफी इस्लामिक बोर्ड ने देश विरोधी गतिविधियों में चंदे का उपयोग करने और मतांतरण कराने के आरोप लगाए हैं। इसे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। दावत-ए-इस्लामी का नेटवर्क 194 देशों में फैला हुआ है। दावत-ए-इस्लामी के सदस्य हरा अमामा (पगड़ी) बांधते हैं, हालांकि अब किसी भी रंग की पगड़ी पहनने की इजाजत दे दी गई हैा। राष्ट्रीय स्तर पर संगठन की जिम्मेदारी मुंबई के सैय्यद आरिफ अली के पास है।

आनलाइन कोर्स चलाता है दावत ए इस्लामी : दावत ए इस्लामी भारत में कट्टर मुसलमान बनने के लिए इस्लामी शिक्षाओं का आनलाइन प्रचार-प्रसार करता है। इसकी वेबसाइट पर 32 तरह के इस्लामी कोर्स उपलब्ध हैं। इसमें महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए अलग-अलग तरह के कोर्स हैं। इस संगठन पर कई बार धर्मांतरण के आरोप भी लगे हैं। संगठन पर आरोप है कि इनके ऑनलाइन कोर्स के जरिए जिहादी बनाने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। राजस्थान के उदयपुर में टेलर मास्टर कन्हैया लाल की हत्या में शामिल दोनों आरोपितों का पाकिस्तान कनेक्शन सामने आ गया है। आरोपित मोहम्मद रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद दावत ए इस्लामी संगठन से जुड़े हैं। दावत-ए-इस्लामी एक सुन्नी मुस्लिम संगठन है और इसका गठन साल 1981 में मौलाना इलियास अत्तारी ने पाकिस्तान के कराची में पैंगबर मोहम्मद साहब के संदेशों का प्रचार-प्रसार करने के लिए किया था। दावत-ए-इस्लामी की सभी गतिविधियों का भी संचालन पाकिस्तान से होता है और दुनिया के 194 देशों में इसका नेटवर्क फैला है।

सूफी इस्लामिक बोर्ड ने खोल रखा है मोर्चा : दावत ए इस्लामी के खिलाफ सूफी इस्लामिक बोर्ड ने मोर्चा खोल रखा है। बोर्ड का आरोप है कि दावत-ए- इस्लामी मतांतरण का काम करता है। जगह-जगह रखी गई दान पेटियों में आने वाले धन का इस्तेमाल गलत गतिविधियों में किया जाता है। बोर्ड ने कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की है, लेकिन पुख्ता कार्रवाई नहीं हो सकी। बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता सूफी कौसर हसन मजीदी का कहना है कि दावत-ए-इस्लामी का विरोध करने पर उनको पाकिस्तान से भी धमकियां मिल रही हैं। सोमवार को डीसीपी रवीना त्यागी को ज्ञापन देकर सुरक्षा की मांग भी की है। पाकिस्तान से रविवार को आडियो क्लिप के माध्यम फेसबुक मैसेंजर पर उन्हें धमकी दी गई। धमकी देने वाला शहीर मलिक है। वह सारे भारत को मिटा देने की बात भी कह रहा है।


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