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    लापरवाही व भ्रष्टाचार के खिलाफ CM योगी आदित्यनाथ का हंटर : जेलर व डिप्टी जेलर बर्खास्त

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Sat, 22 Jun 2019 08:22 PM (IST)

    बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के समय जेलर रहे उदय प्रताप सिंह और मेरठ जेल में स्टिंग अॉपरेशन प्रकरण में डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया है।

    लापरवाही व भ्रष्टाचार के खिलाफ CM योगी आदित्यनाथ का हंटर : जेलर व डिप्टी जेलर बर्खास्त

    लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदियों की मौजमस्ती को लेकर बेहद गंभीर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हंटर चला दिया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर रहे आनंद कुमार ने डीजी जेल का कार्यभार संभालते ही सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बड़ा एक्शन लिया है।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्ट व लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाये जाने की चेतावनी के बाद शासन ने ऐसे मामलों में कार्रवाई शुरू कर दी है। बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में दोषी पाये गए जेलर (कारापाल) उदय प्रताप सिंह व मेरठ जेल में स्टिंग ऑपरेशन मामले में डिप्टी जेलर ( उप कारापाल) धीरेंद्र कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है।

    प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने बताया कि जांच में दोनों अधिकारी ड्यूटी में लापरवाही के दोषी पाये गये और कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। दोनों अधिकारियों के कृत्यों से शासन व कारागार विभाग की छवि को गहरा आघात पहुंचा था, जिसके चलते यह कठोर कदम उठाया गया।

    बागपत जेल में नौ जुलाई 2018 को उच्च सुरक्षा बैरक में बंदी सुनील राठी ने माफिया प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात ने सूबे की कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जेलों की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े किये थे। सरकार की काफी किरकिरी भी हुई थी। घटना के बाद जेलर उदय प्रताप सिंह को निलंबित कर जेल अधीक्षक, कानपुर को विभागीय जांच सौंपी गई थी।

    जांच में सामने आया कि जेलर ने बागपत जेल की अव्यवस्था दूर करने की महज औपचारिकता की। हत्यारोपित बंदी सुनील राठी का बागपत जेल में पूरा प्रभाव था और उसके मुलाकातियों व उनके द्वारा लाये जाने वाले सामान की तलाशी नहीं होती थी। इसके चलते ही सुनील राठी तक पिस्टल व कारतूस पहुंचे। जेलर को जानकारी थी कि सुनील राठी और मुन्ना बजरंगी दोनों शातिर अपराधी हैं, इसके बावजूद मुन्ना बजरंगी को सुनील राठी के अहाते में बंद किया गया। जिसके नतीजे में मुन्ना की हत्या हुई।

    इसके अलावा मेरठ जेल में एक अक्टूबर 2013 को एक न्यूज चैनल द्वारा किये गये स्टिंग ऑपरेशन में बंदियों को अनाधिकृत सुविधा दिलाने की बात कर रहे डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ 20 अप्रैल 2017 को अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए जांच उप महानिरीक्षक, कारागार बरेली को सौंपी गई थी। जांच में डिप्टी जेलर का आचरण भ्रष्टाचार से जुड़ा पाया गया। प्रमुख सचिव गृह ने जेलर व डिप्टी जेलर को सेवा से बर्खास्त किये जाने का शासनादेश जारी कर दिया है।

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने कल ही लोक भवन में गृह और सचिवालय प्रशासन की समीक्षा बैठक अपना रुख स्पष्ट कर दिया था कि अब वह नकारा व भ्रष्ट अधिकारियों को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। उन्होंने लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण के साथ ही पेट्रोलिंग बढ़ाने तथा महिला सुरक्षा को लेकर भी दिशा निर्देश दिया था।

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