Move to Jagran APP

UP News: प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले दो सरकारी डाक्टर बर्खास्त, नान प्रैक्टिस अलाउंस का भी लेते थे लाभ

UP News सरकारी सेवा में रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप में मंगलवार को दो डाक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया। इसमें बाराबंकी के रामसनेही घाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हड्डी रोग विशेषज्ञ व गौतमबुद्ध नगर के दनकौर सीएचसी में तैनात चिकित्साधिकारी शामिल हैं।

By Ashish Kumar TrivediEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANPublished: Tue, 28 Mar 2023 08:48 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2023 08:48 PM (IST)
UP News: प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले दो सरकारी डाक्टर बर्खास्त, नान प्रैक्टिस अलाउंस का भी लेते थे लाभ
प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले दो सरकारी डाक्टर बर्खास्त : जागरण

लखनऊ, राज्य ब्यूरो: सरकारी सेवा में रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप में मंगलवार को दो डाक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया। जिन चिकित्सकों को बर्खास्त किया गया है, उनमें बाराबंकी के रामसनेही घाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. राजेश कुमार वर्मा व गौतमबुद्ध नगर के दनकौर सीएचसी में तैनात चिकित्साधिकारी डा. विजय प्रताप सिंह शामिल हैं। दोनों के खिलाफ प्राइवेट प्रैक्टिस करने के जो आरोप लगाए गए थे, जांच में उनकी पुष्टि होने के बाद कार्रवाई की गई है।

loksabha election banner

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि दोनों चिकित्सकों के खिलाफ प्राइवेट प्रैक्टिस करने के आरोप की जांच की जा रही थी। बाराबंकी के रामसनेही घाट सीएचसी के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. राजेश कुमार वर्मा के खिलाफ शासकीय सेवा में रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने की शिकायत वर्ष 2017 में मिलने के बाद इन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया था। फिर भी इन्होंने प्राइवेट प्रैक्टिस करना नहीं छोड़ा। इनके खिलाफ जांच की गई तो प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप सही साबित हुए। ऐसे में इन्हें बर्खास्त कर दिया गया।

आरोप की पुष्टि होने पर किया गया बर्खास्त

वहीं दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर के दनकौर सीएचसी में तैनात चिकित्साधिकारी डा. विजय प्रताप सिंह पर वर्ष 2015 में शासकीय सेवा में रहते-रहते कई निजी अस्पतालों में प्राइवेट प्रैक्टिस करने का आरोप लगाया गया था। इनके खिलाफ की गई जांच में आरोप की पुष्टि होने के बाद इन्हें भी बर्खास्त कर दिया गया।

प्राइवेट प्रैक्टिस न करने का दिया जाता है भत्ता

सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डाक्टरों को उनके बेसिक वेतन का 20 प्रतिशत नान प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) यानी प्राइवेट प्रैक्टिस न करने का भत्ता दिया जाता है। दोनों चिकित्सक भत्ता लेने के साथ-साथ प्राइवेट प्रैक्टिस में भी लिप्त थे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से दोनों डाक्टरों के बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

उप मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को दी है चेतावनी

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग के चिकित्सकों को सख्त चेतावनी दी है कि वह प्राइवेट प्रैक्टिस न करें। समय पर सरकारी अस्पताल व सरकारी मेडिकल कालेज में पहुंचें और रोगियों का ढंग से उपचार करें। अगर प्राइवेट प्रैक्टिस किए जाने की शिकायत मिली तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.