यूपी के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाएगी कोडिंग और AI, ट्रिपल आइटी लखनऊ देगा शिक्षकों को हाईटेक ट्रेनिंग
लखनऊ स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आइटी) परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को डिजिटल लिटरेसी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में प्रशिक्षित करेगा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्रशिक्षुओं को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देगा। शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आइटी), लखनऊ के विशेषज्ञ परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे। यही नहीं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्रशिक्षुओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
कक्षा छह से कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में डिजिटल लिटरेसी, कोडिंग व ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) को शामिल किया गया है। ऐसे में इन शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया जाएगा।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने बताया कि शिक्षकों को तीन महीने के बेसिक कोर्स का प्रशिक्षण ट्रिपल आइटी के विशेषज्ञ देंगे। प्रदेश भर में डायट के 150 प्रवक्ताओं और हर जिले से कंप्यूटर शिक्षा का अच्छा ज्ञान रखने वाले 10-10 शिक्षकाें को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।
दोनों मोड में दिए जाएंगे प्रशिक्षण
ट्रिपल आइटी के विशेषज्ञ इन्हें ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों मोड में प्रशिक्षण देंगे। विशेषज्ञ शिक्षकों व डायट प्रवक्ताओं को कोडिंग, डिजिटल लिटरेसी व एआइ के विषय में नवीनतम जानकारी देंगे। उन्हें बताएंगे कि किस तरह छात्रों को इसका रोचक ढंग से ज्ञान दिया जाए। प्रशिक्षण पाने वाले शिक्षकों को एससीईआरटी सर्टिफिकेट भी देगा। दो चरणों में प्रशिक्षण कार्यक्रम को तैयार किया गया है।
दो चरणों में होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
पहले चरण में डायट प्रवक्ताओं को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, जो कि इसी महीने शुरू होगा। वहीं आगे दूसरे चरण में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। फिलहाल ट्रिपल आइटी के विशेषज्ञों के माध्यम से तैयार मास्टर ट्रेनर शिक्षक आगे जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर दूसरे शिक्षकों को एआइ, डिजिटल लिटरेसी व कोडिंग के बारे में ज्ञान देंगे। विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से इसका पाठ पढ़ाने के लिए यह पहल की जा रही है।
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