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    यूपी में रास्तों पर टूरिस्टों के लिए हाेगी होटल से लेकर EV चार्जिंग तक की सुविधा, योगी सरकार ने तैयार किया मास्टरप्लान

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Sun, 27 Apr 2025 07:41 PM (IST)

    UP News उत्तर प्रदेश में पर्यटकों के लिए राजमार्गों पर होटल और ईवी चार्जिंग जैसी सुविधाएँ होंगी। सरकार मार्गीय सुविधाओं के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। निजी निवेशकों को 30 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा। ढाबों रेस्टोरेंट और अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए सरकारी और निजी भागीदारी मॉडल बनाए गए हैं जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।

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    उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पर्यटकों को राजमार्गों और प्रमुख पर्यटन स्थलों के रास्तों पर बेहतर अनुभव मुहैया कराने के लिए मार्गीय सुविधाओं (वे साइड एमिनिटीज) की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इन सुविधाओं में ढाबों में पर्यटकों के लिए ठहरने, खान-पान, पार्किंग, शाैचालय से लेकर ईवी चार्जिंग आदि की व्यवस्थाएं की जाएंगी।

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    इन इकाइयों के विकास के लिए भी विभाग ने चार मॉडल तैयार किए हैं। इनमें शामिल निजी निवेश मॉडल में निवेशक को 30 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाएगा।

    मार्गीय सुविधाओं के विकास के लिए 100 करोड़ का प्रविधान

    प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में मार्गीय सुविधाओं के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना में इन सुविधा इकाइयों-ढाबों के निर्माण के लिए सरकारी सहभागिता माडल, भू-संयोजन माडल, पर्यटन विभाग द्वारा निर्मित इकाई माडल और निजी निवेश माडल बनाए गए हैं।

    सरकारी सहभागिता माडल में पर्यटन विभाग, संबंधित स्थानीय निकाय के साथ इकाई की स्थापना की जाएगी। इसमें भूमि का स्वामित्व निकाय का होगा, जबकि परियोजना की लागत का 75 प्रतिशत पर्यटन विभाग और 25 प्रतिशत संबंधित निकाय खर्च करेगा।

    पीपीपी मोड पर संचालन के लिए संस्था का किया जाएगा चयन

    निर्माण पूर्ण होने के बाद पीपीपी माेड पर संचालन को संस्था का चयन निकाय करेगा। भू-संयोजन माडल में पर्यटन विभाग द्वारा संबंधित निकाय व अन्य विभागों से उपलब्ध भूमि इकाई स्थापना को अनापत्ति ली जाएगी। निर्माण का पूरा खर्च पर्यटन विभाग करेगा।

    पर्यटन विभाग द्वारा निर्मित इकाई माडल के तहत विभाग भूमि अर्जित कर स्वयं इकाई का निर्माण करेगा। जबकि निजी निवेश माडल के तहत इकाई की स्थापना या पहले से संचालित इकाई के उच्चीकरण के लिए निवेशकों को निवेश (ऋण एवं स्वयं के निवेश) के सापेक्ष 30 प्रतिशत तक का एकमुश्त पूंजीगत अनुदान प्रदान दिया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग से पर्यटन नीति 2022 के तहत पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त लेना होगा।

    सुविधाओं के लिए ये होगा मानक

    कार्ययोजना में इकाई पर उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं का मानक भी बनाया गया है। इसके अनुसार न्यूनतम 25 लोगों के लिए रेस्टोरेंट, कम से कम छह कमरों का होटल, कन्वेंशन सेंटर, पर्यटक सूचना केंद्र, बच्चों के लिए खेल की जगह, पर्याप्त पार्किंग, स्थल और पुरुषों, महिलाओं व दिव्यांगों के लिए कम से कम पांच-पांच शौचालय का निर्माण करना होगा।

    इनके साथ ईवी चार्जिंग, आरओ युक्त शुद्ध पेयजल, माडयूलर किचन-फ्रीजर, सोलर लाइट, प्राथमिक उपचार बाक्स, सोवेनियर शाप, वाहन रिपेयर सुविधा, एटीएम, विलेज हाट-एमएसएमई क्राफ्ट शाप की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगीं।

    इन मार्गीय सुविधा इकाइयों का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों एवं अन्य प्रमुख मार्गों पर आवश्यकतानुसार किया जाएगा और दो इकाइयों के बीच कम से कम 50 किलोमीटर की दूरी अनिवार्य होगी।

    निर्माण में सहयोग को बनेगी जिलास्तरीय समिति

    वे-साइड एमिनिटीज की स्थापना में सहयोग के लिए संबंधित जिले के डीएम अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। समिति में संबंधित स्थानीय निकाय, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व भूमि उपलब्ध कराने वाले विभाग द्वारा नामित प्रतिनिधि शामिल होंगे। समिति इकाई की स्थापना के लिए भूमि चयन और योजना की निगरानी भी करेगी।

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