होम गार्डनिंग और बोनसाई पौधों की बारीकियां जानना है तो लखनऊ का एनबीआरआई दे रहा प्रशिक्षण, आवेदन के लिए सिर्फ आज का मौका
राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) लोगों को होम गार्डनिंग सूखे फूलों की कलाकृतियां और बोनसाई पौधे के प्रति प्रशिक्षण के लिए संस्थान में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम करने जा रहा है। 11 जुलाई तक एनबीआरआई की वेबसाइट पर पंजीकरण किया जा सकता है। आज पंजीकरण कराने का आखिरी मौका है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। बढ़ते प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं को कम करने के लिए लोग पेड़ पौधे और पर्यावरण के प्रति संरक्षण के लिए संजीदा होने लगे हैं। बीते कुछ वर्षों से हरियाली के साथ घर की साज-सज्जा में भी पेड़-पौधों ने अपनी भूमिका बढ़ाई है। इसी भूमिका में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) लोगों को होम गार्डनिंग, सूखे फूलों की कलाकृतियां और बोनसाई पौधे के प्रति प्रशिक्षण के लिए संस्थान में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम करने जा रहा है। 11 जुलाई तक एनबीआरआई की वेबसाइट पर पंजीकरण किया जा सकता है। आज पंजीकरण कराने का आखिरी मौका है।
एनबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डा. एसके तिवारी कहते हैं कि छोटा घर हो या गार्डन एरिया या फिर किचन और टेरेस गार्डन, इनके प्रति लोगों में पेड़ पौधों के प्रति आकर्षण बढ़ा है। इसके अलावा ड्रेसिंग, डाइनिंग और स्टडी टेबल पर भी इंडोर और आर्नामेंटल पौधों का क्रेज भी बढ़ा है। कई वार्षिक पौधे या फिर हवा को स्वच्छ रखने वाले पौधों के बारे में लोगों की उत्सुकता बढ़ी है।
इन सब के बारे में बेहतर जानकारी देने वाली कोई विश्वसनीय संस्था न होने से कई बार लोग भ्रमित होकर गलत पौधों का चुनाव कर लेते हैं। इन सभी के बारे में जानकारी और प्रशिक्षण देने के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 18 जुलाई से शुरू किया जाएगा। डा. तिवारी बताते हैं कि बरसात के मौसम में पौधों का संवर्धन आसान होता है। पौधों में गूटी बांधना, कटिंग, लेयरिंग और एक पौधे से कई पौधे तैयार करने के लिए बारिश का मौसम सबसे उपयुक्त होता है।
फल और फूलों के बोनसाई करें तैयार : एक सामान्य पौधे को काट छांट कर उसके आकार में परिवर्तन कर बोनसाई के रूप में लाने के लिए भी प्रशिक्षण की आवश्यकता पड़ती है। बोनसाई के लिए सिर्फ फाइकस यानी पीपल और बरगद ही नहीं बल्कि फूल और फल वाले कई पौधों का भी चुनाव किया जा सकता है। डा. तिवारी बताते हैं कि बोनसाई की खासियत यह है कि इसे घर के अंदर और बाहर दोनों जगह रखा जा सकता है और इसकी देखरेख करना आसान होता है। बरगद, पीपल, पाकड़ और गूलर के साथ इमली, जामुन, आम, गुलमोहर, अमलतास, बोगनवेलिया, नींबू, अमरूद जैसे कई पौधों का बोनसाई रूप तैयार किया जा सकता है।
इन दिनों में होगा प्रशिक्षण
- 18 से 20 जुलाई- होम गार्डनिंग
- 21 जुलाई- बोनसाई प्रशिक्षण
- 22 जुलाई- सूखे फूलों की कलाकृतियां बनाने का प्रशिक्षण
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