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    आइपीएस नवनीत सिकेरा पर अभद्र टिप्पणी करने वाले इंस्पेक्टर के खिलाफ कसा शिकंजा, लगेगी चार्जशीट

    वर्ष 2015 में तत्कालीन एसओ गाजीपुर देवेंद्र दुबे ने सरकारी नम्बर से थाना प्रभारी गोमतीनगर से बातचीत में कहे थे अपशब्द- विवेचक ने किया था खेल लगा दी थी अंतिम रिपोर्ट।

    By Anurag GuptaEdited By: Updated: Thu, 03 Sep 2020 07:00 PM (IST)
    आइपीएस नवनीत सिकेरा पर अभद्र टिप्पणी करने वाले इंस्पेक्टर के खिलाफ कसा शिकंजा, लगेगी चार्जशीट

    लखनऊ [ज्ञान बिहारी मिश्र)]। आइपीएस नवनीत सिकेरा को अपशब्द कहने वाले इंस्पेक्टर देवेंद्र दुबे की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। वर्ष 2015 में आइजी वीमेन पावर लाइन रहे सिकेरा पर लखनऊ में तैनात तत्कालीन थानाध्यक्ष गाजीपुर देवेंद्र दुबे ने तत्कालीन गोमतीनगर थाना प्रभारी श्यामबाबू शुक्ला से फोन पर बातचीत के दौरान अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था।

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    वर्तमान में देवेंद्र दुबे कानपुर में तैनात हैं। वहीं सिकेरा आइजी पुलिस हेडक्वार्टर हैं। नवनीत सिकेरा ने देवेंद्र दुबे के खिलाफ विभूतिखंड थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। इस मामले की पड़ताल के दौरान विवेचक ने खेल कर इसमें अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी। छानबीन के दौरान उच्चाधिकारियों को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने मामले की दोबारा विवेचना के निर्देश दिए। इसके बाद विभूतिखंड पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर दिया। अब पुलिस इस प्रकरण में आरोपित देवेंद्र दुबे के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की तैयारी कर रही है।

    यह था मामला

    छह अगस्त 2015 को देवेंद्र दुबे ने सरकारी नम्बर से श्यामबाबू शुक्ला (अब इंस्पेक्टर वजीरगंज) से फोन पर बात की थी। इस दौरान देवेंद्र की ओर सिकेरा के लिए अपशब्द का इस्तेमाल किया गया था। कुछ समय बाद यह ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। मामले की जानकारी मिलने पर सिकेरा ने 15 नवम्बर को विभूतिखंड थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। सिकेरा का आरोप है कि तत्कालीन एसओ की करतूत से उनकी छवि प्रभावित हुई और उन्हें मानसिक आघात भी पहुंचा। गौरतलब है कि ऑडियो वायरल होने के बाद देवेंद्र पर एक सिपाही से दोबारा सिकेरा को लेकर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगा था।

    सिकेरा ने विभूतिखंड थाने के पूर्व एसओ देवेंद्र दुबे के खिलाफ मानहानि, गाली-गलौज और धमकाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामला सार्वजनिक होने के बाद तत्कालीन एसएसपी लखनऊ राजेश कुमार पांडेय ने देवेंद्र दुबे को लाइन हाजिर कर दिया था और इसकी जांच तत्कालीन एएसपी ट्रांसगोमती मनीराम यादव को सौंपी थी।

    ट्रिब्यूनल में स्थानांतरित करा ली थी जांच

    दरअसल, आरोपित देवेंद्र दुबे ने मामले को मैनेज कराने के लिए प्रकरण की जांच ट्रिब्यूनल में स्थानांतरित करा दी थी, जहां मामले को रफा दफा कर दिया गया था। इसकी जानकारी मिलने के बाद नवनीत सिकेरा ने देवेंद्र के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी।