हमसफर एक्सप्रेस को सामने से आता देख घबरा गए चोर, पटरी पार करने से पहले ही बीच में छोड़ गए ये सामान
हमसफर एक्सप्रेस से लोहे के फ्रेम टकराने के मामले में आरपीएफ और जीआरपी ने दो चोरों, जनार्दन और जंग बहादुर पांडेय को गिरफ्तार किया है। ये नशे में चोरी का लोहा बेचने जा रहे थे, तभी मल्हौर के पास ट्रेन आ गई और उन्हें सामान पटरी पर छोड़कर भागना पड़ा। इस घटना से बड़ा हादसा टल गया। जंग बहादुर पहले भी चोरी में पकड़ा जा चुका है, और उनके एक साथी राज बाबू की तलाश जारी है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। आनंद विहार से गोरखपुर जा रही हमसफर एक्सप्रेस के लोहे के फ्रेम और एंगल से टकराने की घटना के मामले में दो शातिर चोरों को आरपीएफ और जीआरपी ने गिरफ्तार किया है। नशे में धुत होकर चोरी का लोहा बेचने ले जाते समय हमसफर एक्सप्रेस के अचानक आ जाने के कारण चोर उसे वहीं छोड़कर भाग निकले थे। इस मामले में शामिल एक और शातिर तलाश जारी है।
रविवार तड़के 3:40 बजे लखनऊ से छूटने के बाद हमसफर एक्सप्रेस मल्हौर में पटरी पर पड़े लोहे के एंगल और फ्रेम से टकराकर हादसे का शिकार होने से बची थी। मामला दर्ज कर आरपीएफ और गोमतीनगर पुलिस की टीम ने मुखबिर की सूचना पर विनीत खंड सब्जी मंडी पुल के नीचे से जनार्दन और जंग बहादुर पांडेय को गिरफ्तार किया।
जनार्दन मूल रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर का रहने वाला है और खरगापुर रेलवे क्रासिंग स्थित शौचालय के पास रहता है। इसी तरह बलरामपुर के सुकईडीह निवासी जंग बहादुर खरगापुर क्रासिंग विस्तार स्थित सीएमएस के पास झुग्गी में रहता है। जनार्दन, जंग बहादुर पांडेय और उसके साथी राज बाबू ने शहीद पथ के पास से 22 जून की शाम को ही होर्डिंग स्ट्रक्चर गेट और लोहे की सीढ़ी चुरा ली थीा।
उसी रात करीब 50 किलोग्राम वजनी लोहे को बेचने के लिए तीनों ही नशे में रेल लाइन पार कर दूसरी ओर ले जा रहे थे। इस बीच लखनऊ की ओर से हमसफर एक्सप्रेस आ गई। ट्रेन को तेज रफ्तार से आते देख तीनों लोहे के फ्रेम और एंगल को छोड़कर भाग निकले। ट्रेन को रुकी हुई देखकर लोहे की सीढ़ी को वहीं करीब में झाड़ी में फेंक दिया था। जंग बहादुर पांडेय पहले भी चोरी के मामले में पकड़ा जा चुका है। पिछले दिनों ही वह जेल से छूटकर बाहर आया था। उसके साथी राज बाबू की तलाश की जा रही है।

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