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    सड़कों पर सुरक्षा का 'कवच' बनेगी योगी सरकार, 'सड़क सुरक्षा मित्र' और 'राहवीर' योजना का पूरे यूपी में विस्तार

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 02:52 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 'सड़क सुरक्षा मित्र' और 'राहवीर' योजनाएँ शुरू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य युवाओं को प्रशिक ...और पढ़ें

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    डिजिटल टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सड़कों को सुरक्षित बनाने और सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'सड़क सुरक्षा' को एक जन-आंदोलन का रूप दे दिया है। राज्य सरकार ने 'सड़क सुरक्षा मित्र' और 'राहवीर' योजनाओं के जरिए युवाओं और आम नागरिकों को जीवन रक्षक की भूमिका में आगे आने के लिए प्रेरित किया है। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य दुर्घटना के समय त्वरित सहायता सुनिश्चित करना और समाज में यातायात नियमों के प्रति जिम्मेदारी का भाव जगाना है। 

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    'सड़क सुरक्षा मित्र': 28 जिलों में युवाओं की सेना तैयार

    प्रदेश के 28 जनपदों में केंद्र सरकार के 'सड़क सुरक्षा मित्र' कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। इसके जरिए युवाओं को सड़क सुरक्षा के बुनियादी नियमों और आपातकालीन प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

    बजट आवंटन: इस कार्यक्रम के लिए कुल 14 लाख रुपये का बजट मंजूर किया गया है, जिसके तहत प्रत्येक सक्रिय जिले को जागरूकता गतिविधियों के लिए 50,000 रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।

    प्रशिक्षण: नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) में आयोजित पहले शिविर के बाद, अब तक 423 युवा स्वयंसेवकों ने 'माय भारत' पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है। ये 'मित्र' क्षेत्रीय स्तर पर लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रेरित करेंगे। 

    'राहवीर' योजना: जान बचाने पर 25,000 रुपये का सम्मान

    सड़क दुर्घटना के पहले एक घंटे, जिसे 'गोल्डनआवर' कहा जाता है, में पीड़ित को अस्पताल पहुँचाना उसकी जान बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसी को बढ़ावा देने के लिए 'राहवीर' योजना के तहत मददगार नागरिकों को पुरस्कृत किया जा रहा है।

    प्रोत्साहन राशि: दुर्घटना पीड़ित को समय पर अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को 25,000 रुपये का इनाम दिया जाता है। 

    यूपी के 5 रियल हीरो: अब तक प्रदेश के बस्ती, कौशांबी, सीतापुर, अलीगढ़ और कासगंज जिलों से 5 नागरिकों को 'राहवीर' के रूप में चुना जा चुका है।

    नोडल अधिकारी: योजना की पारदर्शिता और तेजी के लिए प्रत्येक जिले के ARTO (सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी) को नोडल अधिकारी बनाया गया है। 

    योजना का नाम - मुख्य उद्देश्य - प्रमुख लाभ/बजट

    सड़क सुरक्षा मित्रयुवाओं को जागरूकता और दुर्घटना प्रबंधन की ट्रेनिंग देना₹14 लाख कुल बजट (₹50,000 प्रति जिला)

    राहवीर योजना'गोल्डनआवर' में पीड़ित की मदद के लिए आम जन को प्रेरित करना₹25,000 प्रति 'राहवीर' पुरस्कार

    विशाल रोड नेटवर्क की सुरक्षा को प्राथमिकता

    उत्तर प्रदेश जैसे विशाल हाईवे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क वाले राज्य में ये योजनाएं गेम-चेंजर साबित हो रही हैं। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य परिवहन विभाग ने आने वाले महीनों में और अधिक प्रशिक्षण शिविर लगाने की योजना तैयार की है। सरकार की इस पहल से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है, बल्कि एक ऐसे संवेदनशील समाज का निर्माण होगा जहाँ सड़क पर हर व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।