योगी सरकार ने खोला ₹3500 करोड़ का पिटारा, गांव-गांव तक पहुंचेगी आधुनिक चिकित्सा
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ पहुँचाने के लिए ₹3500 करोड़ का पिटारा खोला है। इस योजना के तहत, गाँव-गाँव ...और पढ़ें

डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप ढालने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के मेडिकलइंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने और हर नागरिक तक सुलभ इलाज पहुँचाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने अनुपूरक बजट में ₹3,500 करोड़ का भारी-भरकम आवंटन किया है। यह निर्णय न केवल चिकित्सा व्यवस्था को आधुनिक बनाएगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे की तस्वीर भी बदलेगा।
योगी सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के विभिन्न स्तंभों के लिए रणनीतिक रूप से धनराशि आवंटित की है:
| योजना/मिशन | आवंटित धनराशि | मुख्य उद्देश्य |
|---|---|---|
| NRHM (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन) | ₹2,000 करोड़ | ग्रामीण केंद्रों का सुदृढ़ीकरण और टीकाकरण |
| आयुष्मान भारत (नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन) | ₹1,200 करोड़ | लंबित दावों का भुगतान और निशुल्क इलाज |
| मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना | ₹300 करोड़ | निजी एवं सरकारी अस्पतालों को त्वरित भुगतान |
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का होगा कायाकल्प
बजट का सबसे बड़ा हिस्सा, यानी 2,000 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) को दिया गया है। मुख्यमंत्री का विजन स्पष्ट है कि शहरों के साथ-साथ गांवों में स्थित प्राथमिक (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) को भी उतना ही सशक्त बनाया जाए।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य: टीकाकरण और पोषण कार्यक्रमों को नई गति मिलेगी।
संक्रामक रोग नियंत्रण: संचारी रोगों के खिलाफ चल रहे अभियान और स्वास्थ्य कर्मियों की सुविधाओं में सुधार होगा।
आधुनिक उपकरण: जिला अस्पतालों में नई मशीनों और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
निर्बाध इलाज: आयुष्मान भारत को मिली संजीवनी
गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए 'आयुष्मान भारत' योजना जीवनदायिनी साबित हो रही है। इस योजना के तहत 1,200 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
अहम बदलाव: इस धनराशि से सूचीबद्ध निजी और सरकारी अस्पतालों के लंबित चिकित्सा दावों (Claims) का भुगतान तुरंत किया जा सकेगा। इससे अस्पतालों और सरकार के बीच समन्वय बेहतर होगा और मरीजों को "कैशलेस" इलाज मिलने में कोई बाधा नहीं आएगी।
मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर: भविष्य की तैयारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम केवल तात्कालिक राहत नहीं, बल्कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को दीर्घकालिक रूप से मजबूत करने की एक सोची-समझी रणनीति है। आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की खरीद और अस्पतालों के विस्तार से उत्तर प्रदेश जल्द ही 'मेडिकल हब' के रूप में अपनी पहचान और पुख्ता करेगा।
अनुपूरक बजट में किया गया यह वित्तीय प्रावधान यह दर्शाता है कि योगी सरकार के लिए 'जन-स्वास्थ्य' सर्वोपरि है। ₹3500 करोड़ का यह निवेश उत्तर प्रदेश के करोड़ों लोगों के लिए बेहतर और स्वस्थ भविष्य की गारंटी बनेगा।

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