UP News: ऐसे बनेगा लखनऊ में ग्रीन कारिडोर, 150 करोड़ से पूरा होगा पहले चरण का काम; टेंडर जारी
Green Corridor in Lucknow लखनऊ में ग्रीन कारिडोर के पहले चरण के कार्य में 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा एलाइनमेंट बदलने की वजह से करीब 1500 क ...और पढ़ें

Green Corridor in Lucknow: लखनऊ, जागरण संवाददाता। शहर के कई हिस्सों को आपस में जोड़ने के लिए ग्रीन कारिडोर के अवरोध दूर हो गए हैं। इस प्रोजेक्ट को लेकर सोमवार से टेंडर प्रक्रिया भी गति पकड़ लेगी। पहले चरण में आइआइएम से पक्का पुल तक 6.8 किलोमीटर के एक तरफ के ग्रीन कारिडोर को बनाने का काम इस साल अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। इस चरण के लिए 150 करोड़ रुपये के दो टेंडर सोमवार को जारी हो जाएंगे। जिसमें 100 करोड़ रुपये आइआइएम से पक्कापुल तक ग्रीन कारिडोर और 40 करोड़ रुपये से गऊघाट पर 270 मीटर पुल का निर्माण होगा। वहीं, 10 करोड़ रुपये बिजली लाइनों और गऊघाट की शिफ्टिंग पर खर्च होंगे।
ग्रीन कारिडोर के 28 किलोमीटर के प्रोजेक्ट का प्रस्ताव पिछले वर्ष तैयार किया गया था। हालांकि, पक्कापुल के पास पांच ऐतिहासिक इमारतें आने के कारण पुरातत्व विभाग ने एनओसी नहीं दी थी। जिस कारण लखनऊ विकास प्राधिकरण को ग्रीन कारिडोर का एलाइनमेंट बदलना पड़ा था। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में इकाना स्टेडियम पहुंचने को लेकर मची अव्यवस्था को देखते हुए एक अलग संपर्क मार्ग को भी इस प्रोजेक्ट में जोड़ा गया। एलाइनमेंट बदलने से करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत भी बढ़ जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ग्रीन कारिडोर का काम जल्द शुरू करने के आदेश दिए थे। गोमती नदी के दोनों छोर पर चार-चार लेन वाले ग्रीन कारिडोर को बनाने के लिए इसको चार फेज में बांटा गया है।
ऐसे बनेगा कारिडोरः पहले फेज में आइआइएम से पक्का पुल तक 6.8 किलोमीटर का ग्रीन कारिडोर होगा। इस कारिडोर के बनने के बाद ही अगले चरण का काम शुरू होगा। दूसरे चरण का कारिडोर पक्का पुल से पिपराघाट तक करीब नौ किलोमीटर लंबा होगा। वहीं तीसरा फेज पिपराघाट से शहीद पथ तक लगभग 6.5 किलोमीटर और चौथा व अंतिम चरण शहीद पथ से किसान पथ तक करीब 5.7 किलोमीटर लंबा होगा।
पुरातत्व विभाग की ओर से एनओसी न मिलने के कारण दूसरे चरण में अब पक्कापुल से डालीगंज तक एक एलिवेटेड लाइन बनाकर उसे गोमती के एक ओर ही बैकुंठधाम तक बनाया जाएगा। बैकुंठधाम से पिपराघाट तक इसे फिर नदी के दोनो ओर बनाया जाएगा। प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब सात हजार करोड़ रुपये होगी। जिसमें दूसरे फेज पर ही लगभग 3500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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