विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने लखनऊ में फूंका बांग्लादेश के राष्ट्रपति का पुतला, विराेध प्रदर्शन
Protest Against Bangladesh in Lucknow: राय ने भारत सरकार से मांग की कि बांग्लादेश में निवास कर रहे हिंदुओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए बांग ...और पढ़ें

लखनऊ : बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन के खिलाफ प्रर्दशन
जागरण संवाददाता, लखनऊ : बांग्लादेश में हिंदूओं पर अत्याचार और उनकी हत्या काे लेकर विश्व हिंदू रक्षा परिषद काफी मुखर हाे गया है। लखनऊ में बुधवार काे हिंदू रक्षा परिषद ने बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन का पुतला दहन करने के साथ ही बांग्लादेश हिंदू मुक्ति वाहिनी गठित की है।
लखनऊ में विश्व हिंदू रक्षा परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के विरुद्ध हो रही हिंसक घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के कत्लेआम के बावजूद विश्व के अधिकांश देश केवल बयानबाजी तक सीमित हैं और प्रभावी कार्रवाई के प्रति निष्क्रिय दिखाई दे रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में, विश्व हिन्दू रक्षा परिषद ने बांग्लादेश हिंदू मुक्ति वाहिनी के गठन की घोषणा की है।
गाेपाल राय ने कहा कि यह संगठन बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा, भय और असुरक्षा के वातावरण के विरुद्ध संघर्ष करेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को मुखरता से उठाएगा।
उन्होंने 1971 के ऐतिहासिक संदर्भ का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय भारत के सहयोग से बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी का गठन हुआ था, जिसने देश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसी ऐतिहासिक स्मृति के आधार पर अब परिषद के सहयोग से हिंदुओं की सुरक्षा और मुक्ति के उद्देश्य से यह नई पहल की जा रही है।
राय ने भारत सरकार से मांग की कि बांग्लादेश में निवास कर रहे हिंदुओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए बांग्लादेश हिंदू मुक्ति वाहिनी को आवश्यक अनुमति दी जाए, ताकि वह अपने घोषित उद्देश्यों को पूरा कर सके।
उन्हाेंने यह भी कहा कि दीपू दास सहित अनेक हिंदुओं की हत्या को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा और परिषद न्याय तथा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करती रहेगी। राय ने भारत सरकार से बांग्लादेश काे दी जा रही तमाम आर्थिक सहायता काे तत्काल प्रभाव से बंद करने का आग्रह किया है और साथ ही विश्व के अन्य देशों से बांग्लादेश पर अविलंब आर्थिक प्रतिबंध लगाने का मांग किया।

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