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    MonkeyPox alert in UP: उत्तर प्रदेश में बढ़ा मंकी पाक्स का खतरा, योगी सरकार ने जारी किया अलर्ट

    By Vikas MishraEdited By:
    Updated: Mon, 30 May 2022 06:56 AM (IST)

    MonkeyPox alert in UP संक्रमित व्यक्ति चकत्तों के दिखने से एक-दो दिन पहले से चकत्तों की पपड़ी गिरने तक संक्रमक बना रह सकता है। यानी वह दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। सभी जिलों में सर्विलांस टीमें अलर्ट की गई हैं।

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    MonkeyPox alert in UP: संचारी रोग विभाग की ओर से विस्तृत गाइड लाइन जारी कर दी गई है।

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो। MonkeyPox alert in UP: उत्तर प्रदेश में मंकी पाक्स से प्रभावित देशों से बीते 21 दिनों के भीतर लौटकर आए लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर वह दूसरे देश में मंकी पाक्स से संक्रमित किसी मरीज के संपर्क में आए हैं और उनमें इस रोग के लक्षण हैं तो उन्हें तत्काल आइसोलेट कर दिया जाएगा। ऐसे लोगों के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी), पुणे भेजे जाएंगे। संचारी रोग विभाग की ओर से विस्तृत गाइड लाइन जारी कर दी गई है। सभी एयरपोर्ट पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। निगरानी कमेटियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।

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    हलांकि, अभी तक भारत में मंकी पाक्स से संक्रमित एक भी व्यक्ति नहीं पाया गया है। महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. वेद ब्रत सिंह ने बताया कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा व यूनाइटेड किंगडम आदि देशों में मंकी पाक्स का संक्रमण फैला है। मंकी पाक्स एक वायरल जूनेटिक बीमारी है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार के साथ-साथ शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं। मंकी पाक्स जानवरों से मानव में अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह वायरस कटी-फटी त्वचा, सांस नली या म्यूकोसा (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।

    जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण जानवरों के काटने या खरोंचने, जंगली जानवरों के मांस,शारीरिक द्रव्यों या घाव के पदार्थ के साथ सीधे संपर्क या फिर उसके दूषित बिस्तर के माध्यम से हो सकता है। वहीं मनुष्य से मनुष्य में यह बड़े आकार के रेस्पायरेटरी ड्रापलेट्स या फिर संक्रमित व्यक्ति के घाव के स्राव के सीधे संपर्क में आने से हो सकता है। इसके लक्षण चेचक से मिलते-जुलते हैं। मनुष्य सात से 14 दिन या फिर 21 दिनों तक भी हो संक्रमित रह सकता है।

    संक्रमित व्यक्ति चकत्तों के दिखने से एक-दो दिन पहले से चकत्तों की पपड़ी गिरने तक संक्रमक बना रह सकता है। यानी वह दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। सभी जिलों में सर्विलांस टीमें अलर्ट की गई हैं। संदिग्ध मरीज के वेसिकल्स के तरल पदार्थ, रक्त, बलगम इत्यादि के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। इस संक्रामक रोग की मृत्यु दर एक प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक है।

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