योगी सरकार की नीतियों ने बदली यूपी की खेती की तस्वीर, किसान बन रहे हैं उद्यमी
उत्तर प्रदेश में कृषि अब आधुनिक रूप ले रही है, जिसमें किसान तकनीक का उपयोग करके लाभ कमा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों ने फसल पुनर्चक् ...और पढ़ें

डिजिटल टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कृषि अब अपने परंपरागत ढर्रे को तोड़कर एक आधुनिक, तकनीक-आधारित और लाभकारी उद्यम का रूप ले रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लागू की गईं किसान हितैषी नीतियों ने इस बदलाव को एक ठोस आधार दिया है। फसल पुनर्चक्रण (Crop Rotation), टिश्यू कल्चर और सहकारिता (Cooperative Farming) जैसे नवाचारों को सरकारी प्रोत्साहन मिलने से किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश का किसान न केवल खेती को एक व्यवस्थित व्यापार के रूप में स्थापित कर रहा है, बल्कि उसकी उन्नत उपज अब नए, बड़े बाजारों में भी अपनी पहचान बना रही है। गांवों में यह उन्नत खेती, समृद्धि का नया मार्ग प्रशस्त करती नजर आ रही है।
तकनीक और सहकारिता से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिली नई ताकत
बाराबंकी के पद्मश्री रामसरन वर्मा, प्रदेश के प्रगतिशील किसानों के लिए एक रोलमॉडल हैं, जो पिछले 32 वर्षों से उन्नत खेती कर रहे हैं। उनका स्पष्ट मानना है कि लघु और सीमांत किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेती में टिश्यू कल्चर, नवाचार और फसल पुनर्चक्रण जैसी आधुनिक विधाओं को अपनाना अनिवार्य है। रामसरन वर्मा के अनुसार, खेती को वैज्ञानिक तरीके से और अलग-अलग फसलों का संतुलित चक्र अपनाकर करने से जोखिम कम होता है और आमदनी के कई स्रोत खुलते हैं। उनके अनुभव ने यह सिद्ध किया है कि सहकारिता और बटाई मॉडल छोटे किसानों को भी बड़े पैमाने पर खेती से जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है।
विविधता से बढ़ी उत्पादन और भूमि की उर्वरता
आज उत्तर प्रदेश के कई किसान एकल फसल की बजाय विविध फसल चक्र पर आधारित खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं। केला, टमाटर, आलू, मेंथा, तरबूज, खरबूजा और गेहूं जैसी फसलों के संतुलित चक्र को अपनाने से न केवल उत्पादन बढ़ा है, बल्कि भूमि की उर्वरता भी सुरक्षित बनी हुई है।
किसानों को उन्नत बीज, सिंचाई के आधुनिक साधन, और तकनीक-आधारित संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के माध्यम से फसलों का निरीक्षण और त्वरित समाधान किसानों को मिल रहा है। इसका सीधा और बड़ा लाभ छोटे एवं सीमांत किसानों को हुआ है, जिनकी आय में महत्त्वपूर्ण सुधार दर्ज किया गया है। कई खेत मजदूर भी इस प्रणाली को सीखकर अब आत्मनिर्भर और आधुनिक किसान बन चुके हैं।
सरकारी नीतियों ने किया आर्थिक रूप से सशक्त
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीतियों ने उन्नत खेती को संस्थागत समर्थन प्रदान किया है। टिश्यू कल्चर केले को बढ़ावा मिलने से किसानों को रोगमुक्त पौधे, बेहतर पैदावार और स्थिर आमदनी का विकल्प मिला है। किसान सम्मान निधि ने उनकी आर्थिक नींव को मजबूत किया है, जबकि एसपीओ (FPO) के माध्यम से कृषि यंत्रों पर छूट, बीजों पर अनुदान और आधुनिक तकनीक तक आसान पहुँच ने खेती की लागत को घटाया है।
इसके साथ ही, प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए बड़े बाजारों और डिजिटल भुगतान व्यवस्था ने उनकी आर्थिक सुरक्षा को बढ़ाया है। रामसरन वर्मा इस बात पर जोर देते हैं कि गेहूं और धान की बिक्री के 48 घंटे के भीतर सीधे बैंक खाते में भुगतान होने से किसानों का आत्मविश्वास काफी बढ़ा है। यह स्पष्ट है कि सरकारी सहयोग, तकनीकी नवाचार और किसानों की कड़ी मेहनत का यह संगम उत्तर प्रदेश की कृषि को समृद्धि की नई ऊंचाइयों की ओर ले जा रहा है।

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