KGMU के पहले VC रहे प्रो. केएम सिंह का निधन, ट्रॉमा सेंटर शुरू करने में रही अहम भूमिका
सरकारी व निजी क्षेत्र के डॉक्टरों में शोक की लहर। कई सेवाओं को दिया विस्तार।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू के पहले कुलपति रहे प्रो. केएम सिंह का निधन हो गया। रात में उनकी तबीयत खराब होने पर निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। वहीं, शनिवार को दोपहर में उनकी सांसें थम गईं। ऐसे में सरकारी व निजी क्षेत्र के डॉक्टरों में शोक की लहर दौड़ गई।
प्रो. केएम सिंह ने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से ही एमबीबीएस, एमएस किया। वहीं, 1971 में बतौर लेक्चरर ज्वॉइन किया। पुत्र डॉ. केके सिंह के मुताबिक पिता प्रो. केएम सिंह मेडिकल कॉलेज के वर्ष 2000 में प्राचार्य बने। वहीं 2002 में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज को यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल गया। ऐसे में प्रथम कुल पित प्रो. केएम सिंह ही रहे। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलियटी सेवाओं का विस्तार किया। यूरोलॉजी विभाग का गठन किया। साथ ही बतौर एचओडी विभाग का विस्तार किया। इसके साथ ही इमरजेंसी सेवा अपग्रेड करने के लिए बड़ा कदम उठाया। ट्रॉमा सेंटर शुरू करने में उनकी अहम भूमिका रही। मेडिकल कॉलेज व यूनिवर्सिटी बनने तक प्रशासनिक पद पर रहते हुए उन्होंने चिकित्सकीय सेवाओं व गुणवत्तापरक शिक्षा व्यवस्था के लिए कई कार्य किए।
बीपी की पुरानी समस्या, अचानक हुआ चेस्ट पेन
डॉ. केके सिंह के मुताबिक शुक्रवार शाम पिता प्रो. केएम सिंह को अचानक चेस्ट पेन हुआ। इस दौरान डालीगंज स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका कोरोना टेस्ट कराया गया। यह निगेटिव आया। डॉक्टरों के काफी प्रयास के बावजूद सुधार नहीं हो सका। उनमें बीपी की पुरानी समस्या थी। शनिवार दोपहर एक बजे के करीब निधन हो गया। प्रो. केएम सिंह के तीन पुत्र व एक पुत्री हैं। दो पुत्र व एक पुत्री डॉक्टर हैं। वहीं एक पुत्र इंजीनियर हैं। इसमें डॉ. केके सिंह केजीएमयू में ही सर्जरी विभाग में तैनात हैं। इस दौरान केजीएमयू, पीजीआइ व लोहिया संस्थान समेत निजी क्षेत्रों के चिकित्सकों ने भी शोक संवेदना जताई।