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    UP Police Exam Paper Leak मामले की जांच कर रही एजेंसी के हाथ आई बड़ी जानकारी, इस कंपनी की लापरवाही से लीक हुआ पेपर

    Updated: Fri, 15 Mar 2024 09:09 PM (IST)

    UP Police Exam Paper Leak पेपर को सुरक्षित रखने व उसके परिवहन की जिम्मेदारी टीसीआइ एक्सप्रेस को सौंपी थी। TSO के कर्मचारियों की मिलीभगत से अहमदाबाद में साल्वर गिरोह ने वेयर हाउस से पेपर की फोटो खींच ली थी और उसे कई एजेंटों को बेंचा था। टीएसआइ के कर्मचारी मिरजापुर निवासी शिवम व भदोही निवासी रोहित के अलावा पूर्व कर्मचारी अभिषेक शुक्ला को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।

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    ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारियों ने लीक किया था सिपाही भर्ती का पेपर

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर लीक किए जाने के मामले में उप्र पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की जांच में सामने आया है कि जिस कंपनी को पेपर प्रकाशित करने की जिम्मेदारी दी गई थी, उसकी लापरवाही से पेपर लीक हुआ था।

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    पेपर को सुरक्षित रखने व उसके परिवहन की जिम्मेदारी कंपनी ने टीसीआइ एक्सप्रेस, अहमदाबाद को सौंपी थी। टीएसआइ के कर्मचारियों की मिलीभगत से अहमदाबाद में साल्वर गिरोह ने वेयर हाउस से दो पालियों के पेपर की फोटो खींच ली थी और उसे कई एजेंटों को बेंचा था।

    डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार टीएसआइ के कर्मचारी मिरजापुर निवासी शिवम गिरि व भदोही निवासी रोहित कुमार पांडेय के अलावा पूर्व कर्मचारी प्रयागराज निवासी अभिषेक शुक्ला को एसटीएफ ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। तीनों से पूछताछ में पेपर लीक की पूरी कहानी सामने आई है।

    पेपर लीक कराने में साल्वर गिरोह के सरगना राजीव नारायण मिश्रा व रवि अत्री की भी सक्रिय भूमिका सामने है। दोनों की तलाश कराई जा रही है। बीटेक पास राजीव नारायण समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने में भी शामिल था।

    प्रयागराज का निवासी राजीव नारायण वर्तमान में भोपाल (मध्य प्रदेश) में रहता है। एसटीएफ पटना निवासी डा.शुभम मंडल को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। जल्द कुछ अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी की जाएगी।

    डीजीपी ने बताया कि पेपर लीक मामले में विभिन्न जिलों में 178 मुकदमे दर्ज कर 396 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। अब तीन अन्य मुख्य आरोपित दबोचे गए हैं। आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा 17 व 18 फरवरी को दो-दो पालियों में हुई थी। इनमें दो पालियों का पेपर लीक हो गया था।

    शासन ने परीक्षा निरस्त कर पूरे मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी थी। शासन ने छह माह के भीतर फिर से परीक्षा कराने का निर्देश दिया था। एडीजी एसटीएफ व कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि राजीव नारायण मिश्रा मध्य प्रदेश में संविदा नर्स स्टाफ भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने में भी संलिप्त था।

    उसके साथ गौतमबुद्धनगर के जेवर का निवासी रवि अत्री भी शामिल था। रवि के विरुद्ध रोहतक (हरियाणा) में भी मुकदमा दर्ज है। राजीव नारायण वर्ष 2021 में यूपी टीईटी परीक्षा का पेपर लीक कराने में भी पकड़ा गया था।

    ऐसे किया था पेपर लीक

    आरोपित अभिषेक शुक्ला ने बताया कि उसने वर्ष 2021 में टीसीआइ एक्सप्रेस कंपनी, अहमदाबाद में नौकरी शुरू की थी। जहां उसकी मुलाकात रवि अत्री व शिवम गिरि से हुई थी। शिवम का तबादला टीसीआइ एक्सप्रेस की दिल्ली शाखा से दिसंबर 2020 में अहमदाबाद स्थित खेडा वेयर हाउस में हुआ था।

    रवि अत्री ने अभिषेक शुक्ला को टीसीआइ कंपनी में सिपाही भर्ती के पेपर आने की जानकारी दी थी। जिसके बाद पेपर लीक की योजना बनी थी, जिसमें रवि अत्री ने राजीव नारायण काे शामिल किया था। पांच फरवरी को रवि ने पटना निवासी डा. शुभम मंडल को बुलाया था, जो ट्रंक बाक्स खोलने में माहिर है।

    डा.शुभम ने ट्रंक बाक्स खोलकर पहले पुलिस भर्ती परीक्षा के दो कोड के पेपर तथा आठ फरवरी को एक कोड के प्रश्नपत्र की फोटो खींची ली थी।

    इसके बाद राजीव व रवि ने अपने एजेंट विक्रम बहल, मोनू ढाकला, विक्रम दहिया, महेन्द्र शर्मा, गौरव चौधरी, मोनू पंडित, सतीश धनकड़ (नेचर वेली रिसोर्ट का मालिक), बागपत निवासी नीटू, धीरज उर्फ गोल्डी (बालीबुड रेस्टोरेंट सोनीपत, हरियाणा का मालिक) व अन्य को पेपर उपलब्ध कराया था।