टेरर फंडिंग का आरोप लगाकर सेवानिवृत्त कर्मचारी और बहू को 5 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, गिरफ्तारी का डर दिखाकर ठगे 12 लाख रुपये
सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनकी बहू को साइबर जालसाजों ने ऑपरेशन सिंदूर में टेरर फंडिंग का आरोप लगाकर पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। धमकी देकर जालसाजों ने 12 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनकी बहू को साइबर जालसाजों ने ऑपरेशन सिंदूर में टेरर फंडिंग का आरोप लगाकर पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। धमकी देकर जालसाजों ने 12 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
पुरानी जेल रोड निवासी नरेंद्र कुमार मौर्या सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया कि 30 सितंबर की सुबह उनके पास एक वाट्सएप काल आई। काल करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए कहा कि आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान से आपके बैंक अकाउंट में रुपयों का लेनदेन हुआ है।
यह सुनकर नरेंद्र घबरा गए। इसका फायदा उठाकर जालसाज उन्हें धमकाने लगे। उन्होंने फोन काटकर इसकी जानकारी बहू कामिनी को दी। कुछ ही देर में जालसाजों ने दोबारा फोन किया और बहू को भी जेल भेजने की धमकी दी। वाट्सएप पर कूटरचित वारंट भी भेज दिया। इसके बाद जालसाज ने वीडियो कॉल कर खुद को जांच अधिकारी प्रेम कुमार गौतम बताया।
बैंक खातों की जांच का हवाला देते हुए उनसे सारा विवरण ले लिया। साथ ही जांच के दौरान किसी से बात करने और इसकी जानकारी देने से भी मना कर दिया। इसके बाद खाते से 12 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। इसके बावजूद उनकी मांग जारी रही। इस पर बहू ने जानकारी अपने पति को दी। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर बृजेश यादव ने बताया कि जिन खातों में रकम गई है उसका विवरण जुटाया जा रहा है।
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