कफ सीरप मामले में हवाला के जरिए टेरर फंडिंग की आशंका, खाड़ी देशों व बांग्लादेश से जुटाई जा रही हैं सूचनाएं
कफ सीरप मामले की जांच में हवाला के माध्यम से टेरर फंडिंग की आशंका जताई जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां खाड़ी देशों और बांग्लादेश से सूचनाएं जुटा रही हैं, ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। चर्चित कफ सीरप मामले में टेरर फंडिंग की भी आशंका व्यक्त की जा रही है। जांच एजेंसियों ने इस मामले में खाड़ी देशों के कई हवाला कारोबारियों की जानकारियां एकत्र की हैं, जिनके जरिए आरोपित कफ सीरप की कमाई मंगवाते थे। साथ ही बांग्लादेश के भी कुछ हवाला कारोबारियों की जानकारी एकत्र की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, कफ सीरप के आरोपितों को हवाला के जरिए मोटी राशि भेजने वालों में कुछ इस्लामिक संगठन भी शामिल हैं, जो टेरर फंडिंग भी करते हैं। जांच एजेंसियां यह जानकारी जुटा रही हैं कि कफ सीरप के आरोपितों को टेरर फंडिंग की जानकारी थी या नहीं।
कफ सीरप सिंडिकेट के मुख्य आरोपित शुभम जायसवाल और विकास सिंह नरवे अभी तक फरार हैं। वहीं, गिरफ्तार आरोपित आलोक सिंह, अमित टाटा, विभोर राणा व विकास से पूछताछ में इस बात की जानकारी मिली है कि विदेश में सप्लाई किए जा रहे कफ सीरप की ज्यादातर राशि हवाला के जरिए ही मंगाई जाती थी।
यह राशि अलग-अलग देशों से भेभेजी जाती थी इसलिए शुभम जायसवाल जायसवाल की तलाश की जा रही है। हवाला के जरिए राशि मंगाने की सारी जानकारी शुभम और विकास नरवे के पास है।
सूत्रों के अनुसार, गुजरात की फार्मा कंपनी के संचालक मनोहर लाल को भी हवाला के जरिए मोटी राशि भेजे जाने की सूचना है। यही वजह है कि ईडी ने उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह ईडी के सामने पेश होने से बच रहे हैं।
जांच एजेंसियों को आशंका है कि हवाला कारोबार से जुड़े इस्लामिक संगठन कफ सीरप की काली कमाई का एक हिस्सा टेरर फंडिंग के लिए भेज रहे थे। अगर यह जानकारी सही निकली तो कफ सीरप सिंडिकेट से जुड़े आरोपितों की मुश्किलें और बढ़नी तय हैं।

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