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    Technical Education: बायोटेक्नालाजी और फार्मा क्षेत्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय करेगा मदद

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 05:10 PM (IST)

    MoU For Pharma And BioTech Students समझौते के तहत भारत सरकार की संस्था बायोटेक क्षेत्र में एडवांस रिसर्च इनोवेशन और बायोटेक उद्योग के विकास में यूपी प्रमोट फार्मा काउंसिल की मदद करेगी। उद्देश्य उत्तर प्रदेश को फार्मास्युटिकल्स बायोटेक्नालाजी मेडिकल डिवाइस तथा संबंधित क्षेत्र में राष्ट्रीय व वैश्विक लीडर बनाना है।

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    बायोटेक्नालाजी और फार्मा क्षेत्र, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय करेगा मदद

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: बायोटेक्नालाजी, फार्मास्युटिकल्स और मेडिकल डिवाइस के क्षेत्र मे निवेश, शोध आदि में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की संस्था बायोटेक्नालाजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआइआरएएसी) यूपी की मदद करेगी।

    काउंसिल राज्य में उत्तर प्रदेश प्रमोट फार्मा काउंसिल के साथ मिलकर इस क्षेत्र में यूपी को राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर यूपी को लीडर बनाने की दिशा में काम करेगी। इन क्षेत्रों में नवाचार के लिए सेमिनार, वर्कशाप और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ।

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    केद्रीय मंत्री जितेद्र सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच 28 जनवरी को इस संबंध में उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। जिसके क्रम में मंगलवार को दिल्ली में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की संस्था बायोटेक्नालाजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल तथा यूपी फार्मा प्रमोट काउंसिल के बीच एमओयू हुआ। एमओयू के मौके पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ ही यूपी के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित कुमार घोष उपस्थित थे।

    समझौते के तहत भारत सरकार की संस्था बायोटेक क्षेत्र में एडवांस रिसर्च, इनोवेशन, और बायोटेक उद्योग के विकास में यूपी प्रमोट फार्मा काउंसिल की मदद करेगी। उद्देश्य उत्तर प्रदेश को फार्मास्युटिकल्स, बायोटेक्नालाजी, मेडिकल डिवाइस तथा संबंधित क्षेत्र में राष्ट्रीय व वैश्विक लीडर बनाना है। जिसके लिए रिसर्च, डेवलपमेंट, इनोवेशन, इंक्यूबेशन, इंटरप्रेन्योरशिप और स्टार्टअप का बेहतर माहौल विकसित किया जाना है।

    सार्वजनिक व निजी क्षेत्र को बायोटेक क्षेत्र में इनोवेशन से जोड़ने का काम भी किया जाएगा। फार्मा क्षेत्र, बायोटेक्नालाजी और मेड टेक क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर दोनों संस्थाएं मिलकर काम करेंगी। क्षमता विकास के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

    संयुक्त रूप से कांफ्रेंस, सेमिनार और वर्कशाप आयोजित किए जाएंगे। फार्मा, बायोटेक्नालाजी तथा मेडिकल डिवाइस के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इस क्षेत्र के लिए विजन डाक्यूमेंट, नीतियां और गाइडलाइन भी बनाए जाएंगे।