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    Tecnical Education in UP : प्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेजों की बंदी का सिलसिला जारी, हर वर्ष दो-तीन पर लग रहा ताला

    Technical Education In UP प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा को नई ऊंचाई देने की बात कर रही है लेकिन सच्चाई यह है कि निजी कॉलेजों पर कोई मजबूत निगरानी तंत्र नहीं है। नतीजतन हर वर्ष दर्जनों छात्र बिना भविष्य के अधूरी डिग्री लेकर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी. पांडेय के अनुसार विश्वविद्यालय से 753 संस्थान संबद्ध हैं।

    By Vivek Rao Edited By: Dharmendra Pandey Updated: Sun, 11 May 2025 07:28 PM (IST)
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    Technical Education In UP :इंजीनियरिंग की पढ़ाई

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रदेश में सरकार के लगातार तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों के बावजूद हर वर्ष दो से तीन इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो रहे हैं। माना जा रहा है कि शिक्षा के ट्रेंड में लगातार बदलाव, नई शिक्षा नीति और इंजीनियरिंग के कोर ब्रांच बंद होने के कारण छात्र-छात्राओ‍ें की रुचि घट रही है।

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    डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से संबद्ध प्रदेश के 50 से अधिक निजी कॉलेजों में पांच से सात वर्षों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई बंद हो चुकी है। इन कॉलेजों को या तो छात्रों के अभाव में कोर्स बंद करना पड़ा या अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने मानक न पूरा करने पर मान्यता समाप्त कर दी।

    विशेषज्ञों के अनुसार, इन कॉलेजों में न तो पढ़ाई का स्तर संतोषजनक था और न ही प्रशिक्षित फैकल्टी उपलब्ध थीं। छात्रों को रोजगार दिलाने के लिए कंपनियों का आना-जाना भी नाम मात्र का रहा। कमजोर प्लेसमेंट और गुणवत्ताहीन शिक्षा ने छात्रों की रुचि घटा दी, जिससे प्रवेश लगातार घटते गए। कई संस्थानों ने बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर और एआइसीटीई के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया, नतीजतन उन्हें हर वर्ष एआइसीटीई की बंद कॉलेज सूची में शामिल कर लिया गया।

    निजी कॉलेजों पर मजबूत निगरानी तंत्र नहीं

    प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा को नई ऊंचाई देने की बात कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि निजी कॉलेजों पर कोई मजबूत निगरानी तंत्र नहीं है। नतीजतन हर वर्ष दर्जनों छात्र बिना भविष्य के, अधूरी डिग्री लेकर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी. पांडेय के अनुसार, विश्वविद्यालय से 753 संस्थान संबद्ध हैं। कुछ संस्थानों ने इंजीनियरिंग ब्रांच घटाकर 12वीं तक की पढ़ाई शुरू की है, लेकिन उनकी संख्या कम है। इंजीनियरिंग और फार्मेसी में नए कॉलेज भी खुल रहे हैं, जिनकी संख्या बंद हो रहे कॉलेजों से अधिक है। अच्छे प्लेसमेंट और गुणवत्ता वाले कॉलेजों में छात्रों की संख्या बढ़ रही है। कई कॉलेज बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

    इंजीनियरिंग के कोर ब्रांच भी बंद हुए

    इंजीनियरिंग में आइटी, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रानिक्स कम्युनिकेशन, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, होटल मैनमेंजमेंट, इनफार्मेंशन टेक्नोलाजी, इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग के अलावा नए कोर्स एआइ और डेटा साइंस के भी कोर्स बंद हुए हैं। कई कॉलेजों ने इंजीनियरिंग की जगह फार्मेसी के कोर्स शुरू किए हैं। वहीं, जहां कई तकनीकी कॉलेजों के सामने प्रवेश को लेकर चुनौती है, तो दूसरी ओर कुछ कॉलेज समय से प्रवेश करके डीम्ड यूनिवर्सिटी विद्यार्थियों को आकर्षित करने में सफल हो रहे हैं।

    सात वर्ष में बंद हुए निजी संस्थान

    सत्र -               संख्या

    वर्ष 2024-25:   चार

    वर्ष 2023-24:   दो

    वर्ष 2022-23:   एक

    वर्ष 2021-22:   तीन

    वर्ष 2020-21:   छह

    वर्ष 2019-20:   14

    वर्ष 2018-19:    21