यूपी में 31 अक्टूबर तक काली पट्टी बांधकर पढ़ाएंगे शिक्षक, टीईटी अनिवार्यता के विरोध में प्रदर्शन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य किए जाने के विरोध में शिक्षक आंदोलित हैं। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने विरोध में काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करने का कार्यक्रम 31 अक्टूबर तक बढ़ाया है। समायोजित शिक्षकों को वापस भेजने के आदेश को रद्द करने की मांग की जा रही है। वहीं, सीटेट परीक्षा की तैयारी में शिक्षक जुटे हैं।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कक्षा एक से आठ तक के शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के एक सितंबर के आदेश के विरोध में शिक्षक आंदोलित हैं। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ (एआइपीटीएफ) ने 22 सितंबर से काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करने का कार्यक्रम चलाया है, जिसे अब 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है।
शुक्रवार को संघ की आनलाइन बैठक में आंदोलन की आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में सभी पदाधिकारियों ने टीईटी अनिवार्यता के विरोध में अपनी राय रखी। आम सहमति से निर्णय लिया गया कि जल्द ही दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर धरना आयोजित किया जाएगा।
संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पांडे ने बताया कि 31 अक्टूबर तक दिल्ली कूच की तारीख की घोषणा की जाएगी। तब तक सभी शिक्षक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य जारी रखेंगे।
समायोजित शिक्षकों को वापस भेजने के आदेश निरस्त करने की मांग
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ ने समायोजित शिक्षकों को मूल विद्यालय भेजने के आदेश रद करने की मांग की है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज द्वारा जारी आदेशों के तहत कई शिक्षकों का अंतरजनपदीय स्थानांतरण और समायोजन किया गया था।
इन शिक्षकों ने नए विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण कर चार महीने से नियमित रूप से शिक्षण कार्य व अन्य प्रशासनिक जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। संघ का कहना है कि शिक्षकों को अब पुनः मूल विद्यालय भेजना अनुचित है, इससे उनका मानसिक, आर्थिक और शारीरिक नुकसान होगा।
आठ फरवरी को होगी सीटेट, शिक्षक जुटे तैयारी में
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से राष्ट्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) का आयोजन आठ फरवरी को किया जाएगा। यह परीक्षा 22 भाषाओं में देशभर के 132 शहरों में होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में लगभग 1.86 लाख ऐसे शिक्षक हैं जो बिना टीईटी के कार्यरत हैं। अब इनमें से कई शिक्षक सीटेट परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं।
वहीं, कुछ शिक्षक इसकी अनिवार्यता के विरोध में भी हैं। बहुत से शिक्षक आपस में जुड़कर तैयारी भी कर रहे हैं। वाट्सएप ग्रुपों में सीटेट और टीईटी से जुड़ी पाठ्य सामग्री, सिलेबस और पुराने प्रश्नपत्र लगातार साझा किए जा रहे हैं ताकि परीक्षा की बेहतर तैयारी हो सके।

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