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    National PG College: शोध के लिए शिक्षकों को मिलेगी फंड की सुविधा, योजना को मिली गवर्निंग बाडी की मंजूरी

    By Akhil saxenaEdited By: Vrinda Srivastava
    Updated: Thu, 03 Nov 2022 11:17 AM (IST)

    National PG College शिक्षकों को शोध के लिए वित्तीय सहायता के लिए कालेज खुद ही फंड उपलब्ध कराएगा। हर साल पांच शिक्षकों को मेजर प्रोजेक्ट के लिए 10 लाख रुपये और माइनर प्रोजेक्ट के लिए पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। गर्वनिंग बाडी की मंजूरी भी मिल गई है।

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    शोध के लिए शिक्षकों को मिलेगी फंड की सुविधा.

    लखनऊ, [अखिल सक्सेना]। नेशनल पीजी कालेज में तैनात शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें शोध के लिए वित्तीय सहायता के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। कालेज खुद ही शिक्षकों को इसके लिए फंड उपलब्ध कराएगा। इसके लिए हर साल पांच शिक्षकों को यह सुविधा मिलेगी। मेजर प्रोजेक्ट के लिए 10 लाख रुपये और माइनर प्रोजेक्ट के लिए पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। कालेज की गवर्निंग बाडी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

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    नेशनल पीजी कालेज को आटोनामस का दर्जा प्राप्त है। कालेज अपने पाठ्यक्रम, प्रवेश से लेकर परीक्षाएं आदि स्वयं कराता है। बीते जुलाई में कालेज ने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से मूल्यांकन कराया था। इसमें बी प्लस प्लस ग्रेड मिला था। नैक की टीम ने कालेज में शोध को बढ़ावा देने का सुझाव दिया था। इसी को ध्यान में रखते हुए संस्थान ने शिक्षकों को शोध कार्यों में वित्तीय मदद देने का निर्णय लिया है।

    हर साल पांच शिक्षकों को मिलेगी मदद : कालेज के प्राचार्य प्रोफेसद देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि शिक्षकों के शोध कार्यों के लिए एक अलग फंड की व्यवस्था की जाएगी। हर साल पांच शिक्षकों के शोध प्रस्ताव मंजूर किए जाएंगे। इनमें एक मेजर प्रोजेक्ट के लिए 10 लाख रुपये और चार माइनर प्रोजेक्ट के लिए पांच-पांच लाख रुपये मिलेंगे। यह शोध प्रोजेक्ट तीन साल में पूरे करने होंगे।

    रिसर्च एडवाइजरी कमेटी गठित : शोध प्रोजेक्ट की जांच के लिए प्राचार्य की अध्यक्षता में एक रिसर्च एडवाइजरी कमेटी बनाई गई है। इसमें अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. राकेश जैन, भौतिक विज्ञान विभग की विभागाध्यक्ष डा. अपर्णा सिंह सहित दो अन्य शिक्षक भी शामिल हैं। जो भी शिक्षक रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार करेंगे, उन्हें कमेटी के साथ-साथ दो विशेषज्ञ के समक्ष इसका प्रजेंटेशन देना होगा।

    शोध ऐसा हो जिसका आउटकम अच्छा निकले : इसके अलावा एक रिसर्च एथिक्स कमेटी भी बनेगी जो प्लेग्रिज्म एक्ट-2018 के तहत शोध की गुणवत्ता, कंटेंट आदि भी जांच करेगी। जल्द ही कमेटी शिक्षकों से शोध प्रोजेक्ट आमंत्रित करेगी। प्राचार्य ने बताया कि शोध ऐसा होना चाहिए जिसका आउटकम अच्छा निकले।