UP News: गंभीर बीमारी होने पर मिलेंगी पांच लाख की मदद, यूपी में शिक्षकों ने शुरू की ‘जीवन दान योजना’
उत्तर प्रदेश में टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) ने शिक्षकों के लिए ‘गंभीर बीमारी के लिए जीवन दान योजना’ शुरू की है। सदस्य 10 अगस्त तक 200 रुपये जमा करेंगे जिससे गंभीर बीमारी में पांच लाख तक की मदद मिलेगी। यह योजना स्वैच्छिक है जिसमें कुछ नियम और शर्तें हैं। सहायता केवल अस्पताल में भर्ती होने पर मिलेगी और एलोपैथिक इलाज ही मान्य होगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में शिक्षकों द्वारा शिक्षकों के लिए बनाई गई चार लाख सदस्यों वाली संस्था टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) ने पहल करते हुए ‘गंभीर बीमारी के लिए जीवन दान योजना’ की शुरुआत की है।
इसके तहत सदस्य शिक्षक 10 अगस्त तक 200 की सहयोग राशि जमा करेंगे, जो एक कार्पस फंड में एकत्र होगी। इसमें गंभीर बीमारी की स्थिति में पांच लाख रुपये तक की मदद की जा सकेगी।
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष विवेकानंद आर्य ने बताया कि यह योजना पूरी तरह से ऐच्छिक है। इसमें सहयोग करना या न करना, संस्था की मुख्य योजना की वैधानिकता को प्रभावित नहीं करेगा।
जरूरत पड़ने पर संस्था की ओर से सदस्य शिक्षकों से पुनः सहायता मांगी जाएगी। लाक इन पीरियड सामान्य शिक्षकों के लिए 18 माह और शिक्षामित्र व अनुदेशकों के लिए फिलहाल 17 माह है, जो जुलाई से 18 माह हो जाएगा।
इसमें शिक्षक के इलाज का खर्च दो लाख से अधिक होने पर ही सहायता दी जाएगी। इसमें सिर्फ अस्पताल में भर्ती होने के दौरान का खर्च ही मान्य होगा। सहायता राशि की शुरुआत अधिकतम पांच लाख तक से की जा रही है, जिसे भविष्य में बढ़ाया जा सकता है।
किसी एक व्यक्ति को दो वर्षों में केवल एक बार सहायता दी जाएगी। आवेदन करने से कम से कम तीन माह पहले तक संस्था की नियमित योजना का वैध सदस्य होना जरूरी है।
इसमें केवल एलोपैथिक इलाज ही मान्य होगा। जिन शिक्षकों के पास मेडिकल इंश्योरेंस है, उन्हें पहले इंश्योरेंस की सीमा तक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सीमा से अधिक खर्च होने पर सामान्य सहायता योजना के अंतर्गत पूरा लाभ मिलेगा। आवेदन जिला टीम के माध्यम से ही स्वीकार किया जाएगा।
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