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    टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ देशव्यापी शिक्षक आंदोलन तेज, सांसदों को ज्ञापन सौंपकर छूट की मांग

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 01:38 AM (IST)

    शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता के विरोध में अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में शिक्षक संगठन आंदोलन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में शिक्षकों ने सांसदों को ज्ञापन सौंपकर 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट देने की मांग की है। विभिन्न शिक्षक संघों ने मिलकर मोर्चा बनाया है और 15 नवंबर को राज्य स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी।

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    टीईटी अनिवार्यता के खिलाफ देशव्यापी शिक्षक आंदोलन तेज

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य किए जाने के खिलाफ देशभर के शिक्षक संगठनों का आंदोलन तेज हो गया है। अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में गठित अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के तहत देशभर के सांसदों को ज्ञापन देने का अभियान जारी है।

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    इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में भी शिक्षकों ने कई जिलों में सांसदों को ज्ञापन सौंपकर 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता से छूट देने की मांग की है।

    उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी और जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी ने बताया कि शिक्षकों की समस्याओं और अधिकारों के लिए देश के विभिन्न संगठनों को एकजुट करने के उद्देश्य से यह मोर्चा बनाया गया है।

    इस मंच से सभी प्रमुख शिक्षक संगठनों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर, बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष तिवारी और एससी व एसटी टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुंदर सिंह शास्त्री की सहमति प्राप्त हो चुकी है।

    अन्य संगठनों से भी समन्वय की प्रक्रिया जारी है। इस मोर्चे की राज्य स्तरीय बैठक 15 नवंबर को आयोजित की जाएगी। इस अभियान के तहत गोंडा, अयोध्या और जौनपुर जिलों में शिक्षकों ने अपने-अपने सांसदों को ज्ञापन सौंपा। मोर्चा का कहना है कि जब तक पुरानी नियुक्तियों वाले शिक्षकों को टीईटी से छूट नहीं मिलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

    मुख्य आरक्षी परिवहन की परीक्षा में हुई नकल

    उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा रविवार को ली गई मुख्य आरक्षी मोटर परिवहन की लिखित परीक्षा में दो अभ्यर्थियों द्वारा नकल किए जाने के मामले को भर्ती बोर्ड ने गंभीरता से लिया है।

    बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, इस विभागीय लिखित परीक्षा में दो अभ्यर्थियों के पास से मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। भर्ती बोर्ड ने एडीजी लाजिस्टिक को मामले की जांच सौंपी है। सूत्रों के अनुसार परीक्षा में 40 से ज्यादा अभ्यर्थी मोबाइल फोन लेकर पहुंचे थे।

    लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित लिखित परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले आरक्षी चालकों को मुख्य आरक्षी मोटर परिवहन के पद पर पदोन्नत किया जाएगा। इस मामले में भर्ती बोर्ड आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर कराने को लेकर कानूनी राय ले रहा है, क्योंकि अभी तक विभागीय परीक्षा में इस प्रकार के मामलों को लेकर एफआइआर कराने की व्यवस्था नहीं है।