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    Teacher's Day: सीएम योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों को किया सम्मानित, बोले- अब आपकी स्वयं से प्रतिस्पर्धा

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 05 Sep 2022 01:13 PM (IST)

    CM Yogi Adityanath Honours Teachers with Rajya Adhayapak Puraskar 2021 लोक भवन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षक दिवस की सभी को बधाई। आज शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

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    CM Yogi Adityanath Honours Teachers with Rajya Adhayapak Puraskar 2021

    लखनऊ, जेएनएन। Rajya Adhayapak Puraskar 2021: उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षक दिवस यानी पांच सितंबर को प्रदेश के 75 अध्यापकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया है। ऐसा पहली बार हो रही जब प्रदेश के हर जिले यानी 75 जिलों से एक-एक शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath Honours Teachers) ने लोक भवन में दस शिक्षकों को सम्मानित किया, अन्य 65 को जिलों में जनप्रतिनिधियों ने सम्मानित किया।

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    लोक भवन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षक दिवस की सभी को बधाई। आज शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण के लिए शिक्षा जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हर बच्चे के कौशल को निखारने का संकल्प लिया है। इसी कारण देश में 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू हुई है।

    योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैंने प्रदेश में जब मुख्यमंत्री ने का पद भार ग्रहण किया था, तब हमारे पास कई मामले आते थे कि जिनमें परीक्षा में नकल की शिकायत की गई। मैंने तब शिक्षा मंत्री और डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा को स्वयं परीक्षा केंद्र का निरीक्षण करने का आग्रह किया था। उस समय कुछ सख्ती की गई। उस समय तो हजारों बच्चों ने परीक्षा भी छोड़ दी थी, लेकिन बाद में परिणाम काफी अच्छे आए। इसके बाद भी हमने शिक्षकों को भी लक्ष्य भी तय कर दिए थे। मुख्यमंत्री ने सम्मानित शिक्षकों से कहा कि अब आपकी स्वयं से प्रतिस्पर्धा भी शुरू हो गई है।

    राज्य स्तर पर सम्मानित होने के बाद आपको लगातार अच्छा प्रदर्शन भी करना होगा। आपके प्रदर्शन पर ही बच्चों का परिणाम भी निर्भर करेगा। शिक्षक दिवस पर लोक भवन में इस सम्मान समारोह में कौशल विकास मंत्री कपिलदेव अग्रवाल, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार तथा प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा भी मौजूद थे।  

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य अध्यापक पुरस्कार केवल सम्मान नहीं है बल्कि इसे पाने वाले शिक्षक की नई जिम्मेदारी है। ऐसे शिक्षकों की प्रतिस्पर्धा खुद से है उन्हें कुछ नया करके दिखाना होगा, जो दूसरों के लिए उदाहरण बने। पांच साल में शिक्षा की बेहतरी के लिए बहुत कुछ किया गया है लेकिन बहुत कुछ होना बाकी है। शिक्षक दिवस के मौके पर सोमवार को लोकभवन में शिक्षकों व प्रधानाचार्यो को सम्मानित करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सम्मानित होने वाले शिक्षकों की चयन प्रक्रिया सही नहीं थी जो शिक्षक इधर उधर घूमता रहे और स्कूल न जाए वे ही पुरस्कार पाते थे इससे आम शिक्षक अपमानित होता था। हमारे सामने भी ऐसे शिक्षकों की सूची आई तो पूछा कि इनका शिक्षा के लिए क्या योगदान है? उस सूची को रद कराकर नए मानकों पर अब शिक्षकों का चयन हो रहा है।

    उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति व तबादले मेरिट के आधार पर होने चाहिए। शिक्षक छात्रों में विद्यालय के प्रति आत्मीयता का भाव विकसित करें उसे मंदिर व अन्य धर्म स्थलों जैसा पवित्र माने, तब कोई भी ऐसा कार्य नहीं है जो पूरा न हो सके। विद्यालयों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के जरिए प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर ये सूचनाएं मिलती हैं कि स्कूल में बच्चे झाड़ू लगा रहे हैं लेकिन इसमें उन्हें कोई नकारात्मकता नहीं लगती, बल्कि शिक्षकों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि हम अपने घर में झाडू पोंछा लगाते हैं तो क्या ये ग़लत है?? यह भी कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए विद्यालय से जुड़े सारे शिक्षकों व छात्रों को करने चाहिए।

    योगी ने एक परास्नातक महाविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि 2005 में उस संस्था ने अनुरोध किया कि सारे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी दूसरे संस्थान में भेज दिया जाए। कुछ वर्ष बाद उसी संस्था ने देश की स्वच्छता रैंकिंग में 36वां स्थान हासिल किया। उन्होंने माध्यमिक व बेसिक व व्यावसायिक शिक्षा विभाग में पांच वर्ष के कार्य सिलसिलेवार गिनाते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में पुरातन छात्र परिषद का गठन होना चाहिए। इससे संस्थाओं के सर्वांगीण विकास में आसानी होगी और बिना सरकारी मदद के बहुत कुछ कर सकते हैं।

    मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग के 10 शिक्षकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार, टापर देने वाले आठ विद्यालयों के प्रधानाचार्यो को सम्मानित किया। 39 हाईस्कूल व 14 इंटरमीडिएट कालेजों का शिलान्यास, माध्यमिक शिक्षा के पांच पोर्टलों का शुभारंभ किया। यहां पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास मंत्री कपिदेव अग्रवाल, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव माध्यमिक व बेसिक दीपक कुमार, सुभाष चन्द्र शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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    ... जब हम लोग जुलाई, 2017 में ’स्कूल चलो अभियान’ प्रारंभ कर रहे थे तब 2016 तक के सत्र में 1.34 करोड़ बच्चे बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में अध्ययन करते थे। आज यह संख्या 1.92 करोड़ हो चुकी है। यह इस बात को प्रमाणित करता है कि बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ा है: #UPCM @myogiadityanath

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    - Chief Minister Office, Uttar Pradesh (@CMOfficeUP) 5 Sep 2022