Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    यूपी में नगर सीमा में आने वाले परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का बदलेगा संवर्ग, इन जिलों के BSA को नोटिस

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 01:41 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में, नगर विकास विभाग के तहत नगरीय सीमा में आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का संवर्ग बदला जाएगा। बेसिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में बीएसए को निर्देश जारी किए हैं। 46 जिलों के 1812 विद्यालय अब नगरीय क्षेत्र में हैं, जहाँ शिक्षकों को सहमति पत्र देना होगा। नगरीय क्षेत्र में समायोजित होने पर उनकी वरिष्ठता सूची में स्थान नीचे रहेगा।

    Hero Image

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के जिन ग्रामीण क्षेत्रों के परिषदीय विद्यालय नगर विकास विभाग की अधिसूचना के तहत विस्तारित नगरीय सीमा में शामिल हो गए हैं, वहां कार्यरत शिक्षकों का संवर्ग (केडर) अब बदला जाएगा। बेसिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश जारी किए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश के 46 जिलों के कुल 1812 परिषदीय विद्यालय अब नगरीय क्षेत्र में आ चुके हैं। इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों से सहमति पत्र (विकल्प) लेकर उन्हें नगरीय क्षेत्र के अध्यापक संवर्ग में शामिल किया जाएगा। निर्देशों के अनुसार, जो शिक्षक या शिक्षिका ग्रामीण क्षेत्र से नगरीय क्षेत्र में समायोजित होंगे, उनकी वरिष्ठता (सीनियरिटी) नगरीय संवर्ग के शिक्षकों की सूची में सबसे नीचे मानी जाएगी।

    यह बात सहमति पत्र में स्पष्ट रूप से लिखी जाएगी ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो। नगरीय संवर्ग में शामिल होने के इच्छुक शिक्षकों को एक शपथपत्र भी देना होगा। इसमें यह उल्लेख होगा कि शिक्षक या शिक्षिका स्वेच्छा से ग्रामीण संवर्ग से नगरीय संवर्ग में जा रहे हैं और वे जानते हैं कि उनकी वरिष्ठता सूची में स्थान नीचे रहेगा। साथ ही वे भविष्य में पदोन्नति या वरिष्ठता को लेकर कोई दावा नहीं करेंगे।

    बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने कहा है कि सभी जिलों में यह कार्यवाही पूर्ण पारदर्शिता और नियमानुसार की जाए। नगरीय क्षेत्र में समायोजन का कार्य उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) (तैनाती) नियमावली 2008 के तहत गठित समिति द्वारा किया जाएगा।

    किसी भी तरह की अनियमितता या लापरवाही पाए जाने पर संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और समिति के सदस्य सचिव को जिम्मेदार माना जाएगा। यह फैसला उन शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण है जो पहले ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में कार्यरत थे, लेकिन अब उनके विद्यालय नगर सीमा में शामिल हो गए हैं। इससे उनके संवर्ग और पदस्थापन में औपचारिक बदलाव किया जाएगा।