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    तत्काल कोटे की एक-एक सीट पर टिकी घर वापसी की उम्मीद, बुधवार से रिग्रेट हो रही इन शहरों से आने वाली ट्रेनें

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 11:45 PM (IST)

    त्योहारों के बाद घर वापसी की उम्मीद अब तत्काल कोटे की सीटों पर टिकी है। कई शहरों से आने वाली ट्रेनों में बुधवार से ही रिग्रेट की स्थिति बनी हुई है, जिससे यात्रियों की चिंता बढ़ गई है। तत्काल टिकटों के लिए मारामारी मची है और टिकट मिलने की संभावना भी कम है।

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। नोएडा की मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली स्वाति शर्मा को 17 अक्टूबर को लखनऊ मेल से अपने घर दीपावली मनाने आना है। लखनऊ मेल की एसी श्रेणी में स्थिति रिग्रेट हो गई है। एसी एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों का यहीं हाल है।

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    अब 16 अक्टूबर की सुबह 10 बजे 17 अक्टूबर की ट्रेनों का तत्काल कोटे का आरक्षण खुलने पर कंफर्म सीट पाने की आखिरी उम्मीद बची है।
    दीपावली के करीब आते ही दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, देहरादून, पुणे सहित कई शहरों में रहने वाले उन यात्रियों की बेचैनी बढ़ रही है, जिनके पास अपने घर लखनऊ आने के लिए अब तक कंफर्म टिकट ही नहीं हैं। कई ट्रेनों में 15 अक्टूबर से ही रिग्रेट की स्थिति होने के कारण एसी व नान एसी श्रेणी में वेटिंग लिस्ट के टिकट मिलना ही बंद हो गए हैं।

    यहीं नहीं दिल्ली, मुंबई, पुणे व बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों से लखनऊ आने वाले विमानों का महंगा किराया इन यात्रियों के विकल्पों को सीमित बना रहा है। विमान किराया छह गुणा तक बढ़ चुका है। हर बार की तरह दीपावली पर भी रेलवे ने वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को राहत देने के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है।

    अंतिम समय में इन ट्रेनों में भी वेटिंग लिस्ट हो गई हैं। अब यात्रियों के सामने ट्रेनों का कंफर्म टिकट पाने के लिए एकमात्र सहारा तत्काल कोटा ही बचा है। लखनऊ मेल और पुष्पक एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में तत्काल प्रीमियम का महंगा किराया देकर भी यात्री कंफर्म सीट हासिल करने की कोशिश करेंगे। यात्री गोमती एक्सप्रेस की सेकेंड सीटिंग क्लास का टिकट पाने की जेद्दोजेहद करेंगे।

    इन ट्रेनों में तत्काल की इतनी सीटों पर टिकट की उम्मीद

    ट्रेन नंबर व नाम स्लीपर 3एसी 3ई 2एसी चेयरकार
    22426 वंदे भारत एक्स. - - - - 64
    12596 गोरखपुर हमसफर 258 - - - -
    12004 शताब्दी एक्सप्रेस - - - - 125
    12556 गोरखधाम एक्सप्रेस 48 198 - 32 -
    12226 कैफियात एक्सप्रेस 84 131 - 32 -
    12430 एसी एक्सप्रेस - 198 72 70 -
    12392 श्रमजीवी एक्सप्रेस 72 66 - 32 -
    22420 सुहेलदेव एक्सप्रेस 166 88 48 32 -
    12584 डबल डेकर - - - 25 -
    12420 गोमती एक्सप्रेस - - - 6 46
    12230 लखनऊ मेल 96 33 24 24 -
    14208 पदमावत एक्सप्रेस 240 22 24 10 -
    14206 अयोध्या एक्सप्रेस 240 22 24 12 -
    15128 काशी विश्वनाथ एक्स. 120 132 48 32 -
    12524 पुष्पक एक्सप्रेस 48 32 60 15 -
    15066 पनवेल गोरखपुर एक्स. 48 97 - 16 -
    22538 कुशीनगर एक्सप्रेस 48 87 - 16 -
    12103 पुणे लखनऊ एक्स. 108 43 - 8 -
    11407 पुणे लखनऊ एक्स. 108 43 - 8 -
    22546 वंदे भारत एक्सप्रेस - - - - 24
    12370 कुंभ एक्सप्रेस 48 44 48 32 -
    15006 देहरादून गोरखपुर 72 110 - 32 -
    15120 जनता एक्सप्रेस 72 44 48 32 -
    14864 मरुधर एक्सप्रेस 142 110 72 32 -
    19715 जयपुर-गोमतीनगर 120 132 48 25 -
    16093 चेन्नई लखनऊ एक्स. 63 28 - 7 -

    रेलवे के लिए एक दुविधा यह भी

    रेलवे दो तरह की बोगियों वाली ट्रेनों का संचालन कर रहा है। कंवेंशनल रेक वाली ट्रेनों में अधिकतम 24 बोगियां लग सकती हैं। वहीं, लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) तकनीक वाली ट्रेनें अधिकतम 22 बोगियों के साथ दौड़ सकती हैं। लखनऊ मेल और पुष्पक एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें अपनी अधिकतम सीमा के साथ दौड़ रही हैं।

    ऐसे में इन ट्रेनों में अतिरिक्त बोगियां लगने की संभावना कम है। वहीं, जनरल बोगियों को कम करके उनकी जगह आरक्षित बोगियां बढ़ाने का जोखिम रेलवे यात्रियों की शिकायतों के कारण नहीं उठा सकता है।