सीएम योगी से मिले टाटा संस के चेयरमैन, डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और AI में निवेश पर बनी सहमति
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उत्तर प्रदेश में एआई सिटी, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर की स्थापना और आईट ...और पढ़ें

डिजिटल टीम, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य को गति देते हुए, सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने शिष्टाचार भेंट की। इस उच्च-स्तरीय बैठक में टाटा समूह ने प्रदेश में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सिटी, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) की स्थापना और आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा विनिर्माण व ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) जैसे प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक निवेश और सहयोग पर सहमति जताई। समूह की यह पहल उत्तर प्रदेश को तकनीकी उत्कृष्टता के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के साथ ही युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर तकनीक-आधारित रोजगार के द्वार खोलेगी।
तकनीक और कौशल: लखनऊ में एआई सिटी, गोरखपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन के बीच हुई इस व्यापक चर्चा में एआई, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा विनिर्माण, ऊर्जा और डिजिटल अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग को लेकर सहमति बनी। बैठक के दौरान, टाटा संस के चेयरमैन ने राजधानी लखनऊ में एक ‘एआई सिटी’ विकसित करने का महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत किया। यह परियोजना उत्तर प्रदेश को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। एआई सिटी से प्रदेश के स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य की तकनीकों पर आधारित हजारों नए रोजगार अवसर सृजित होंगे।
इसके साथ ही, गोरखपुर में 48 करोड़ रुपये से बन रहे ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ की स्थापना पर भी प्रगति की समीक्षा की गई, जो विशेष रूप से पूर्वांचल के युवाओं को उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण और अवसर प्रदान करेगा। समूह ने अवगत कराया कि आईआईटी कानपुर के साथ हुए एमओयू के तहत एआई, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे प्रदेश में एक इंडस्ट्री-रेडी वर्कफोर्स तैयार करने में मदद मिलेगी।
आईटी कार्यबल का विस्तार: जीसीसी की स्थापना और टीसीएस की इकाइयों का विस्तार
उत्तर प्रदेश के डिजिटल टैलेंट पूल को नई मजबूती देते हुए, बैठक में प्रदेश में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) की स्थापना को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ। साथ ही, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की लखनऊ, नोएडा और वाराणसी इकाइयों के विस्तार पर भी सहमति बनी। टीसीएस की लखनऊ और नोएडा यूनिट में कार्यबल को 16,000 से बढ़ाकर 30,000 किए जाने का प्रस्ताव है, जो प्रदेश के आईटी क्षेत्र के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा विनिर्माण में निवेश को बढ़ावा
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की बढ़ती क्षमता को देखते हुए, टाटा समूह ने मोबाइल उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स और अन्य हाई-टेक उत्पादों के निर्माण में निवेश बढ़ाने की इच्छा जताई। इस संदर्भ में, इंटेल के साथ किए गए एमओयू का उल्लेख करते हुए प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मजबूत करने पर चर्चा हुई। इलेक्ट्रिक बसों, ईवी और अन्य वाहनों के नए मॉडलों के निर्माण में भी सहयोग और निवेश विस्तार पर सहमति बनी।
इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश के डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को लेकर भी विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। टाटा समूह ने झांसी सहित विभिन्न रक्षा औद्योगिक नोड्स में ड्रोन, मिसाइल और रक्षा वाहनों के निर्माण के लिए निवेश बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। समूह ने मुख्यमंत्री को प्रदेश की रक्षा प्राथमिकताओं में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टाटा समूह के विजन की सराहना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार निवेशकों को स्थिर नीति, पारदर्शी व्यवस्था और अनुकूल कारोबारी वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि टाटा समूह के साथ यह बहुआयामी सहयोग राज्य की अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन और तकनीकी आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

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