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Tablighi Jamaat : उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने की तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने की मांग

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग का कहना है कि जमात के लोग मुस्लिम समुदाय को भी गंभीर रूप से बीमार कर रहे हैं। यह पुलिस कर्मियों डॉक्टरों व स्टॉफ के साथ भी अभद्रता कर रहे हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 10:38 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 10:40 PM (IST)
Tablighi Jamaat : उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने की तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने की मांग
Tablighi Jamaat : उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने की तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने की मांग

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने प्रदेश में तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अल्पसंख्यक आयोग ने गुरुवार को तब्लीगी जमात प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पास कर उसे मुख्य सचिव आरके तिवारी के पास भेज दिया है। 

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उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविन्दर सिंह ने बताया कि यूपी में 1400 से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों में करीब 900 तब्लीगी जमात के लोग शामिल हैं। इसके अलावा बहुत से तब्लीगी जमात के लोग मस्जिदों, मदरसों व मुस्लिम बस्तियों में छुपे हैं। जमात के लोग मुस्लिम समुदाय को भी गंभीर रूप से बीमार कर रहे हैं। यह पुलिस कर्मियों, डॉक्टरों व स्टॉफ के साथ भी अभद्रता कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर तब्लीगी जमात को प्रदेश में प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव पास किया। आयोग ने मुख्य सचिव आरके तिवारी को भेजे पत्र में कहा है कि जमात के लोग कानून तोड़ रहे हैं। ऐसे संगठन को प्रदेश में प्रतिबंधित करना बहुत जरूरी है। प्रतिबंध पर संस्तुति करने वालों में आयोग के सदस्य सरदार परविन्दर सिंह के अलावा कुंवर सैयद इकबाल हैदर, मनोज कुमार मसीह व सोफिया अहमद शामिल हैं।

बता दें कि इससे पहले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी भी तब्लीगी जमात पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि यह दुनिया की सबसे खतरनाक जमात है। यह मुसलमानों का एक ऐसा खतरनाक समूह है जो पूरी दुनिया में इस्लाम के प्रचार के नाम पर मुसलमान युवाओं को कट्टरपंथी बनाता है। चाहे अबू बकर बगदादी हो या ओसामा बिन लादेन, ये सब तब्लीगी जमात के मददगार थे। तब्लीगी जमात को दुनिया के कट्टरपंथी और आतंकी मुल्ला ही चला रहे हैं। यह मुस्लिम युवाओं को ऐसा कट्टरपंथी बनाते हैं कि अगर अल्लाह की राह में उन्हें कुर्बानी भी देनी पड़ जाए तो पीछे न हटें। युवाओं को यह भी समझाते हैं की दुनिया में जो अल्लाह और कुरान शरीफ को नहीं मानते हैं, वे सब काफिर हैं। काफिर अल्लाह के दुश्मन हैं।


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