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    Swachh Vayu Sarvekshan 2025: यूपी के कितने शहरों ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की रैंकिंग में बनाई जगह? यहां देखिए लिस्ट

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 11:25 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के 17 शहरों ने स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जिसका आयोजन पर्यावरण मंत्रालय ने किया था। झांसी और मुरादाबाद ने 3-10 लाख की आबादी श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त किया जबकि आगरा ने 10 लाख से अधिक आबादी वाली श्रेणी में तीसरा स्थान हासिल किया। प्रदूषण नियंत्रण उपायों और जन जागरूकता अभियानों के माध्यम से यह सफलता मिली

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    स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की रैंकिंग में प्रदेश के 17 शहरों ने बनाई जगह

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में प्रदेश के 17 शहरों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। यह सर्वेक्षण पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने आयोजित किया था। इसमें शहरों का मूल्यांकन राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अंतर्गत किए गए कार्यों और वायु गुणवत्ता सुधार की प्रगति के आधार पर किया गया। तीन अलग-अलग श्रेणियों में कुल 130 शहरों की रैंकिंग में प्रदेश के 17 शहरों ने स्थान बनाया है।

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    राष्ट्रीय रैंकिंग में तीन से 10 लाख तक की आबादी वाले शहरों में छह शहरों ने अपनी जगह बनाई है। इनमें झांसी व मुरादाबाद ने संयुक्त रूप से दूसरा स्थान प्राप्त किया है। गोरखपुर व फिरोजाबाद पांचवें, बरेली सातवें व नोएडा नौवें स्थान पर है।

    वहीं, 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में कुल सात शहर शामिल हैं। इनमें आगरा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। कानपुर पांचवें, प्रयागराज सातवें, वाराणसी 11वें, गाजियाबाद 12वें, लखनऊ 15वें व मेरठ 33वें स्थान पर रहे हैं। यह उपलब्धि दर्शाती है कि नगरीय निकायों ने शहरों में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को लागू करने में सफलता प्राप्त की है।

    तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में अनपरा पांचवें, रायबरेली सातवें, गजरौला 23वें और खुर्जा 26वें स्थान पर रहा है। रैकिंग में प्रदेश के शहरों ने इसलिए जगह बनाई क्योंकि नगरीय निकायों एवं स्थानीय प्रशासन ने प्रदूषण कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

    निर्माण स्थलों और प्रमुख सड़कों पर धूल नियंत्रण और प्रदूषण रोकथाम की व्यवस्थाएं की गईं। मशीनों से सड़कों की सफाई और नियमित जल छिड़काव को दिनचर्या का हिस्सा बनाया गया, इस कारण वायु प्रदूषण में कमी आई है।

    शहरों में हरित और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए ई-वाहन नेटवर्क का विस्तार और गैर-मोटर चालित परिवहन को प्रोत्साहन दिया गया। बड़े पैमाने पर पौधारोपण, शहरी वनों और हरित पट्टी का विकास कर हरित क्षेत्र बढ़ाया गया।

    खुले में कचरा जलाने पर सख्त कार्रवाई की गई और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को वैज्ञानिक ढंग से लागू किया गया। जन-जागरूकता अभियानों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नागरिकों को भागीदार बनाकर स्वच्छ एवं हरित शहरों की दिशा में प्रेरित किया गया।

    स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में प्रदेश के शहर

    10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की रैंक

    • आगरा-3
    • कानपुर-5
    • प्रयागराज-7
    • वाराणसी-11
    • गाजियाबाद-12
    • लखनऊ-15
    • मेरठ-33

    तीन से 10 लाख वाले शहर

    • झांसी-2
    • मुरादाबाद-2
    • गोरखपुर-5
    • फिरोजाबाद-5
    • बरेली-7
    • नोएडा-9

    तीन लाख से कम वाले नगर

    • अनपरा-5
    • रायबरेली-7
    • गजरौला-23
    • खुर्जा-26

    स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में हमारे शहरों का बेहतरीन प्रदर्शन नगरीय निकायों व नागरिकों के बीच समन्वय का परिणाम है। यह उपलब्धि केवल हमारे प्रयासों की मान्यता ही नहीं बल्कि आने वाले समय में स्वच्छ, हरित और स्वस्थ शहरों के निर्माण के संकल्प को और मजबूत करती है। देश का अग्रणी राज्य बनने की दिशा में प्रदेश निरंतर नए आयाम स्थापित कर रहा है। -अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव, नगर विकास