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    निलंबित आइपीएस अभिषेक दीक्षित डेढ़ वर्ष बाद बहाल, मूल कैडर तमिलनाडु भेजने का निर्णय

    भ्रष्टाचार के संगीन आरोप में प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी अभिषेक दीक्षित को आठ सितंबर 2020 को निलंबित किया गया था। निलंबन के बाद उनके विरुद्ध विभागीय जांच लखनऊ कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) नीलाब्जा चौधरी को सौंपी गई थी।

    By Umesh TiwariEdited By: Updated: Tue, 08 Mar 2022 06:45 AM (IST)
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    भ्रष्टाचार मामले में प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी अभिषेक दीक्षित पर कार्रवाई हुई थी।

    लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश शासन ने भ्रष्टाचार के संगीन आरोप में निलंबित 2006 बैच के आइपीएस अधिकारी अभिषेक दीक्षित को लगभग डेढ़ वर्ष बाद बहाल कर दिया है। प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी रहे अभिषेक दीक्षित को उनके मूल कैडर तमिलनाडु भेजे जाने का निर्णय किया गया है। गृह विभाग ने उन्हें रिलीव किये जाने का आदेश कर दिया है। मंगलवार को उनकी रवानगी होगी।

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    भ्रष्टाचार के संगीन आरोप में प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी अभिषेक दीक्षित को आठ सितंबर 2020 को निलंबित किया गया था। वह प्रतिनियुक्ति पर यहां आये थे। निलंबन के बाद उनके विरुद्ध विभागीय जांच लखनऊ कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) नीलाब्जा चौधरी को सौंपी गई थी।

    आइपीएस अभिषक दीक्षित पर एसएसपी प्रयागराज रहने के दौरान अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के तबादले व तैनाती को लेकर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। साथ ही उनके विरुद्ध पुलिस मुख्यालय के निर्देशों का अनुपालन न करने व कार्य में शिथिलता बरतने की शिकायतें भी थीं। उनके विरुद्ध विजिलेंस जांच का आदेश भी दिया गया था, जिसमें वह विभागीय अनियमितता बरतने के दोषी पाए गए थे। विजिलेंस ने शासन को सौंपी अपनी रिपोर्ट में उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की संस्तुति की थी।