Sushil Kumar Modi: सुशील मोदी का राम मंदिर पर आखिरी संदेश, आंदोलन के दौरान मिली जिम्मेदारी को किया था याद
बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके सुशील कुमार मोदी को सोमवार को निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही सियासी गलियारों का माहौल गमगीन हो गया। सुशील कुमार मोदी एक ऐसे नेता थे जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इसके चलते ही उन्हें जनवरी में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उन्हें आमंत्रित किया गया था।

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके सुशील कुमार मोदी को सोमवार को निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही सियासी गलियारों का माहौल गमगीन हो गया। सुशील कुमार मोदी एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इसके चलते ही उन्हें जनवरी में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उन्हें आमंत्रित किया गया था।
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आमंत्रण मिलने पर सुशील कुमार मोदी ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने राम जन्मभूमि पर बने विवादित ढांचे के गिराए जाने की घटना का जिक्र किया। सुशील कुमार के अनुसार, अयोध्या में साल 1992 में ढांचा गिराया जाना, पूर्व नियोजित नहीं था।
ट्वीट में बताया कि वे भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री हरेंद्र पांडेय के साथ 30 नवम्बर 1992 को ही अयोध्या पहुंच गए थे। हम दोनों को विवादित ढांचे के ठीक सामने रामकथा कुंज में बने मंच से कारसेवकों को नियंत्रित करने का दायित्व दिया गया था।
उन्होंने कहा था कि सारे संकट-अवरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन करते हुए अयोध्या में राम मंदिर बनते देखना एक ऐतिहासिक अवसर है। 22 जनवरी को करोड़ों राम भक्तों का सपना पूरा हो रहा है।
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