Updated: Sat, 20 Sep 2025 05:30 AM (IST)
पितृ विसर्जनी अमावस्या पर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) का प्रभाव नहीं होगा क्योंकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा। धार्मिक कार्य समय पर होंगे। ग्रहण आंशिक रूप से न्यूजीलैंड फिजी अंटार्कटिका और आस्ट्रेलिया में दिखेगा। वैज्ञानिक इस खगोलीय घटना के अध्ययन के लिए तैयार हैं क्योंकि इससे भविष्य के ग्रहणों की गणना और अंतरिक्ष मौसम के पूर्वानुमान में मदद मिलेगी। ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा से बचना चाहिए।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। पितृ विसर्जनी अमावस्या रविवार को है। इसी दिन सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) भी लगेगा। देश में न दिखने से सूतक काल नहीं होगा और धार्मिक कार्य अपने समयानुसार होंगे। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि ग्रहण रविवार की रात 10: 59 बजे शुरू होगा और सोमवार को सुबह 3:23 बजे समाप्त होगा।
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ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा। सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां पर इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। आंशिक सूर्य ग्रहण न्यूजीलैंड, फिजी, अंटार्कटिका और आस्ट्रेलिया के दक्षिण भाग में दिखाई देगा।
इसी दिन पितृ विसर्जनी अमास्या पर पूर्वजों के श्राद्ध के साथ विदाई होगी। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि शनिवार को रात्रि 12:16 बजे से रविवार को रात 1:23 बजे तक पितृ विसर्जनी अमावस्या रहेगी।
अध्ययन के लिए अहम है ग्रहण सूर्य ग्रहण का भले ही धार्मिक महत्व न हो, लेकिन विज्ञानी ग्रहण के अध्ययन के लिए तैयार हैं। साइंस सिटी के शिक्षा अधिकारी विज्ञानी विनय कुमार ने बताया कि इस ग्रहण की स्थिति ऐसी है कि भारत का भू-भाग चंद्रमा की छाया में नहीं आएगा। इसलिए देश में लोग इसका प्रत्यक्ष दृश्य अनुभव नहीं कर सकेंगे।
यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा। खगोल विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। सूर्य की रोशनी कुछ समय के लिए बाधित हो जाती है।
खगोल विज्ञानी इस ग्रहण को प्रत्यक्ष रूप से तो नहीं देख पाएंगे, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और उपग्रहों से प्राप्त रियल-टाइम डेटा, डिजिटल इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपिक परिणामों का उपयोग करके भविष्य में लगने वाले ग्रहणों की सटीक गणना, सूर्य की सक्रियता और अंतरिक्ष मौसम संबंधी पूर्वानुमानों को बेहतर बनाया जा सकेगा। यह अध्ययन और शोध की दृष्टि से एक बेहद महत्वपूर्ण खगोलीय घटना साबित होगी।
ग्रहण के दौरान इन चीजों से बचें
- नकारात्मक ऊर्जा से रहें दूर- ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है। ऐसे में मानसिक शांति बनाए रखने के लिए वैदिक मंत्रों का जाप करें।
- खाने-पीने से बचें- भले ही भारत में सूतक काल न लगता हो, लेकिन कई लोग ग्रहण के समय भोजन और पानी से परहेज करते हैं।
- गर्भवती महिलाएं - गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें ग्रहण के समय घर के अंदर रहना चाहिए।
- धार्मिक काम - ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके और पूजा-पाठ करके ही कोई काम शुरू करना चाहिए।
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