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    उत्तर प्रदेश में नवरात्रि पर गूंजेगी ‘सुर साधना’, स्थानीय कलाकारों को मिलेगा मंच और पारिश्रमिक

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 10:28 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में योगी सरकार नवरात्रि के दौरान सुर साधना का आयोजन कर रही है जो 27 सितंबर से शुरू होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से पंजीकृत कलाकारों को लखनऊ वाराणसी झांसी मथुरा गोरखपुर आगरा सीतापुर अयोध्या समेत दो दर्जन से अधिक धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर मंच मिलेगा। सरकार लोक नृत्य गायन और अन्य विधाओं के कलाकारों को पारिश्रमिक भी देगी। इसका उद्देश्य सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देना है।

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    नवरात्रि में योगी सरकार की सुर साधना स्थानीय कलाकारों को मिलेगा मंच

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। योगी सरकार के नेतृत्व में नवरात्रि के दौरान उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में स्थानीय कलाकार 'सुर साधना' करेंगे। यह आयोजन 27 सितंबर (शनिवार) से होगा। इसके जरिए योगी सरकार पंजीकृत कलाकारों को मंच मुहैया कराएगी। यह आयोजन राजधानी लखनऊ, वाराणसी, झांसी, मथुरा, गोरखपुर, आगरा, सीतापुर, अयोध्या समेत अनेक जनपदों में होगा। राजधानी लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क व कुड़िया घाट समेत प्रदेश के दो दर्जन से अधिक धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर यह आयोजन होगा। सरकार लोक नृत्य के कलाकारों को 15 हजार, लोकगायकों को 10 हजार और अन्य विधाओं के कलाकारों को पांच हजार रुपये पारिश्रमिक स्वरूप भी देगी।

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    यह होगी सांस्कृतिक गतिविधियां

    योगी सरकार पंजीकृत लोक कलाकारों को मंच प्रदान करने, सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने, पारंपरिक लोक कलाकारों के संरक्षण व संवर्धन, शहरी/ग्रामीण दर्शकों को लोक संस्कृति से जोड़ने व सांस्कृतिक चेतना विकसित करने के उद्देश्य से यह आयोजन करा रही है। 27 सितंबर से होने वाली सुर साधना में कलाकारों द्वारा लोकगायन, भजन/कीर्तन, लोकनृत्य/लोकनाट्य प्रस्तुति, कठपुतली/जादू, शास्त्रीय गायन/वादन, किस्सागोई/दास्तानगोई व काव्य पाठ आदि होगा।

    स्थानीय कलाकारों को दी जाएगी प्राथमिकता

    उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग ने पर्यटकों के साथ-साथ आम लोगों को भी लोककलाओं की तरफ आकर्षित करने की कवायद शुरू की है। इसके तहत प्रदेश के धार्मिक व पर्यटन स्थलों पर लोक कलाकारों की प्रस्तुति होगी। सुर साधना में स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता दी जाएगी। कलाकारों को मंच मुहैया कराने के साथ ही पारिश्रमिक भी दिया जाएगा। लोकनृत्य के लिए 15 हजार रुपये, भजन/लोकगायन के लिए 10 हजार रुपये व अन्य विधाओं- जादू, कठपुतली, किस्सागोई दास्तानगोई, काव्य पाठ आदि के लिए कलाकारों को पांच हजार रुपये प्रदान किया जाएगा।