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    यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग के होटलों-ढाबों पर QR कोड होना जरूरी, योगी सरकार के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से कोई रोक नहीं

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 01:00 PM (IST)

    कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने की दुकानों पर क्यूआर कोड लगाने को लेकर योगी सरकार द्वारा जारी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई है। मंगलवार को संबंधित मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग के सभी होटलों पर उनके लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व अन्य जरूरी कागजात लगाए जाएं।

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    यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग के होटलों-ढाबों पर QR कोड होना जरूरी

    पीटीआई, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद खाने की दुकानों पर क्यूआर कोड लगाने को लेकर योगी सरकार द्वारा जारी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई है। मंगलवार को संबंधित मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग के सभी होटलों पर उनके लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व अन्य जरूरी कागजात लगाए जाएं।

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    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक आदेश जारी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कांवड़ यात्रा मार्ग पर समेत अन्य सभी होटलों पर वैधानिक रूप से जरूरी उनके लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व अन्य कागजातों को प्रदर्शित किया जाए। 

    न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि मंगलवार को कांवड़ यात्रा का अंतिम दिन होने के कारण होटल या ढाबा मालिक का नाम और क्यूआर कोड प्रदर्शित करने जैसे अन्य मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई। शीर्ष अदालत शिक्षाविद अपूर्वानंद झा और अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

    याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 25 जून को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया कि कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों पर क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य है, जिससे मालिकों के नाम और पहचान का पता चलता है, जिससे वही भेदभावपूर्ण प्रोफाइलिंग हो रही है, जिस पर पहले इस अदालत ने रोक लगा दी थी।

    याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार का निर्देश के अनुसार स्टॉल मालिकों को "कानूनी लाइसेंस आवश्यकताओं" के तहत धार्मिक और जातिगत पहचान प्रकट करने के लिए कहा गया है जो कि दुकान, ढाबा और रेस्टोरेंट मालिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

    इस पर कोर्ट ने कहा, ‘हमें बताया गया है कि आज यात्रा का अंतिम दिन है। बहरहाल, निकट भविष्य में इसके समाप्त होने की संभावना है। इसलिए, इस समय हम केवल यह आदेश पारित कर सकते हैं कि सभी संबंधित होटल मालिक वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदर्शित करने के आदेश का पालन करें।’

    गौरतलब है कि बीते साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व मध्य प्रदेश की सरकारों के उस निर्देशों पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसमें कहा गया था कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों पर मालिकों, कर्मचारियों और अन्य विवरणों के नाम लिखे जाएं।

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