Teachers Day 2022: सुलतानपुर में शिक्षिका वंदन का कर्मयोग, पांच साल में बच्चों की संख्या हुई चार गुणा
Teachers Day 2022 सुलतानपुर में शिक्षिका वंदना यादव की बेहतर शिक्षा व्यवस्था से प्राथमिक विद्यालय भरसारे में पांच साल में बच्चों की संख्या हुई चार गुणा। राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए प्रधानाध्यापक का हुआ चयन खुशी की लहर।

सुलतानुपर, संवादसूत्र। कर्मयोग का ही फल है वंदना को राज्य स्तरीय पुरस्कार मिल रहा है। अपनी मेहनत व लगन के चलते उन्होंने स्कूल में बेहतर शैक्षणिक माहौल तैयार किया। इसी का नतीजा है कि कुछ ही पांच वर्षों में बच्चों की संख्या चार गुणा तक बढ़ गई।
इंग्लिश मीडियम माडल प्राथमिक विद्यालय भरसारे में प्रधानाध्यापक वंदना यादव की नियुक्ति पांच सितंबर 2016 को हुई थी। उस समय छात्रों की संख्या 60 रही। तैनाती के बाद उन्होंने स्कूल को मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित करने का संकल्प लिया। दशा और दिशा सुधारने का प्रयास किया। बच्चों को स्वेटर, जूता, मोजा, पहचान पत्र और डेस्क-बेंच उपलब्ध कराया। साथ ही प्रोजेक्टर के जरिए शिक्षा देने की भी व्यवस्था की। इसका परिणाम है कि अब विद्यालय में छात्रों की लगभग 300 है।
दो साल पहले डीएम ने दिया था दस लाख का पुरस्कार
वर्ष 2020 में शैक्षणिक गुणवत्ता को परखने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी के धनलक्ष्मी ने निरीक्षण किया था। बेहतर व्यवस्था मिलने पर विद्यालय को दस लाख का पुरस्कार दिया था। इस राशि से दो अतिरिक्त कक्ष बनाए गए। साथ ही चहारदीवारी का निर्माण कराया गया। शिक्षकों के सहयोग से हाल ही में झूले व अन्य साधनों की व्यवस्था भी कराई गई।
सहयोगियों का जताया आभार
जिलाधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, पूर्व विधायक, ब्लाक प्रमुख स्कूल की प्रधानाध्यापक सम्मानित कर चुके हैं। अब राज्य सरकार ने उनको जिले की श्रेष्ठ शिक्षक मानते हुए पुरस्कार के लिए चुना है। इसके चलते क्षेत्र में खुशी व्याप्त है। वहीं, वंदना ने इसके लिए सहयोगी दीक्षा श्रीवास्तव, डा अशोक वर्मा सहित अन्य के प्रति आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि कर्मयोग के जरिए कामयाबी जरूर मिलती है। छोटे बच्चों को स्कूल में बेहतर माहौल देकर उन्हें आगे बढ़ाने का काम गुरुजनों का है। सभी को इसका ध्यान रखना चाहिए। राज्य स्तर पर पुरस्कार मिलना सौभाग्य की बात है।

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