यूपी के लोगों के लिए खुशखबरी, इन दो जिलों की चीनी मिलों का होगा आधुनिकीकरण; खर्च किए जाएंगे 172.79 करोड़
बागपत और मुजफ्फरनगर की सहकारी चीनी मिलों में आधुनिकीकरण के लिए 172.79 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस निवेश से मिलों की कार्य क्षमता में विस्तार होगा और गन्ना किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। दोनों मिलों की अलग-अलग कार्य क्षमता 2500 टीसीडी से बढ़कर 3000 टीसीडी (टन क्रशिंग प्रति दिन) हो जाएगी। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में इस विषय पर चर्चा की गई।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गन्ना किसानों को अधिक से अधिक लाभ देने के लिए बागपत और मुजफ्फरनगर की सहकारी चीनी मिलों का आधुनिकीकरण कर इनकी कार्य क्षमता में विस्तार किया जाएगा। दोनों मिलों की तकनीक को और विकसित करने पर 172.79 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके बाद दोनों मिलों की अलग-अलग कार्य क्षमता 2,500 टीसीडी से बढ़कर 3,000 टीसीडी (टन क्रशिंग प्रति दिन) हो जाएगी।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बीते दिनों हुई बैठक में चीनी मिलों की कार्य क्षमता में विस्तार पर चर्चा की गई। किसान सहकारी चीनी मिल बागपत की कार्य क्षमता में सुधार के लिए तकनीक विस्तार पर 84.77 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान लगाया गया है।
वर्तमान में मिल की क्षमता 4.82 लाख टन गन्ने की पेराई की है। अगले पांच वर्षों में इसके प्लांट को 5.01 लाख टन गन्ना पेराई के लिए तैयार किए जाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
बैठक में मुजफ्फरनगर में स्थित गंगा किसान सहकारी चीनी मिल लिमिटेड मोरना की कार्यक्षमता को 2,500 से बढ़ाकर 3,000 टीसीडी करने की योजना पर काम शुरू किए जाने पर चर्चा की गई। इसकी तकनीक को और विकसित करने पर 88.02 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।
वर्तमान में इस मिल में 4.85 लाख टन गन्ने की पेराई की सुविधा उपलब्ध है, पांच वर्षों में इसकी क्षमता 5.40 लाख टन गन्ना पेराई की किये जाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। दोनों चीनी मिलों के आधुनिकीकरण पर होने वाले खर्च में 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार और 50 प्रतिशत ऋण के रूप में लिए जाने की वित्तीय व्यवस्था की जाएगी।
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