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    UP: किसानों की आय का जरिया बनेगी पराली, यूपी सरकार ने तय की बायोडीजल के उत्पादन व बिक्री की प्रक्रिया

    By Anand MishraEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Sat, 26 Aug 2023 05:00 PM (IST)

    UP Stubble burning उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार का जागरूकता और प्रोत्साहन के साथ-साथ सख्ती का फार्मूला बेहतर परिणाम दिखा रहा है। यही वजह है कि यूपी में पड़ोसी राज्यों की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में खासी कमी आई है। अब सरकार ने पराली के जर‍िये क‍िसानों की आय बढ़ाने पर फोकस क‍िया है।

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    UP Stubble Burning: यूपी में पराली से होगी क‍िसानों की आय

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो। धान और गेहूं की कटाई के बाद किसान द्वारा खेतों में ही जला दिए जाने वाले फसल अवशेष अब कृषकों की आय का जरिया भी बनेंगे। बायोफ्यूल को बढ़ावा देने की राज्य सरकार नीति किसानों को ठूंठ के दाम दिलाएगी। इससे पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का स्थायी हल निकलेगा और किसानों को अतिरिक्त आय भी होगी। राज्य सरकार की जैव ऊर्जा नीति में इस बाबत प्रविधान किए गए हैं। हाल ही में कैबिनेट की बैठक में इसकी प्रक्रिया भी तय कर दी गई है।

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    पराली को बायोडीजल में प्रसंस्कृत करने के लिए हर जिले में लगने वाली इकाइयों के अलावा स्थानीय स्तर पर कलेक्शन, लोडिंग, अनलोडिंग और ट्रांसपोर्टेशन से भी रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उल्लेखनीय है कि कैबिनेट की बैठक में बायोडीजल के उत्पादन और बिक्री की प्रक्रिया तय की गई है। इसके अनुसार उत्पादन की अनुमति उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (यूपी नेडा) देगा। स्थानीय स्तर पर संबंधित जिले के जिलाधिकारी बिक्री के बाबत लाइसेंस देंगे।

    नीति में बायोफ्यूल को बढ़ावा देने को लेकर कई तथ्यों का उल्लेख है। यह नीति कृषि अपशिष्ट आधारित बायो सीएनजी, सीबीजी (कंप्रेस्ड बायो गैस) इकाइयों को कई तरह के प्रोत्साहन देगी। इस तरह का एक प्लांट करीब 160 करोड़ रुपये की लागत से इंडियन आयल गोरखपुर के धुरियापार में लगा रहा है। इसमें गेहूं-धान की पराली के साथ, धान की भूसी, गन्ने की पत्तियों और गोबर का उपयोग होगा और हर चीज का मूल्य भी निर्धारित किया जाएगा। सीएनजी एवं सीबीजी के उत्पादन के बाद जो कंपोस्ट खाद उपलब्ध होगी, वह किसानों को सस्ते दामों पर उपलब्ध कराई जाएगी।