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इंश्योरेंस के नाम पर ठगने वाले नौ जालसाज द‍िल्‍ली से ग‍िरफ्तार, ग्राहकों का डाटा भी बरामद

लखनऊ के कृष्णानगर कोतवाली में आशा मिश्रा ने धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज कराई थी। बोनस के नाम पर करते थे ठगी सरगना भी एसटीएफ की गिरफ्त में। 26 लाख रुपये व इंश्योरेंस ग्राहकों का डाटा भी बरामद हुआ है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 30 Apr 2022 10:09 PM (IST)Updated: Sat, 30 Apr 2022 10:09 PM (IST)
इंश्योरेंस के नाम पर ठगने वाले नौ जालसाज द‍िल्‍ली से ग‍िरफ्तार, ग्राहकों का डाटा भी बरामद
बंद पालिसी का क्लेम दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी ।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथारिटी, एलआइसी, आरबीआइ व अन्य संस्थानों का अधिकारी बनकर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने राजफाश किया है। आरोपित इंश्योरेंस में बोनस दिलाने, एजेंट कोड हटवाने और बंद पालिसी का क्लेम दिलाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर चुके हैं। एसटीएफ ने आइ 110, कीर्तिनगर फर्नीचर मार्केट पश्चिमी दिल्ली से गिरोह के सरगना समेत नौ जालसाजों को गिरफ्तार किया है।

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गिरफ्तार आरोपित गौतमबुद्ध नगर निवासी देवेंद्र सि‍ंह, गणेश, फतेहपुर निवासी मोहित कुमार, स्वदेश पाल सि‍ंह, प्रतापगढ़ निवासी रजनीश शुक्ला, दिल्ली निवासी रोहित कुमार सि‍ंह, आनंद कुमार मिश्रा, शोभित कुमार पांडेय व हरियाणा निवासी सुनील सैनी शामिल हैं। आरोपितों के पास से 97 मोबाइल फोन, लैपटाप, कंप्यूटर, स्टेनो पैड, चेक बुक, जाली मुहर, 28 हजार पेज का अनधिकृत डाटा और 26 लाख चार हजार तीन सौ रुपये व अन्य सामान बरामद हुआ है।

छानबीन में पता चला है कि कृष्णानगर कोतवाली में आशा मिश्रा ने धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज कराई थी। ठगों नेे पीडि़ता से बंद पालिसी का क्लेम दिलाने का झांसा देकर उनसे छह माह में 22 लाख रुपये की 13 बीमा पालिसी धोखे से करा ली थीं। गिरोह एनसीआर में फर्जी काल सेंटर खोलकर चोरी से लिए गए डाटा पर फोन कराता था। गिरोह ने कुछ बीमा कंपनियों का ब्रोकर कोड ले रखा था, जिससे इन्हें प्रत्येक पालिसी पर 50 से 70 प्रतिशत तक कमीशन मिलता था।

गिरोह का सरगना देवेंद्र सि‍ंह है। देवेंद्र व उसके साथियों ने बताया कि उन्होंने कई कंपनियां अपने आफिस के कर्मचारियों के नाम खोली थीं। गिरोह दिल्ली एनसीआर में छह काल सेंटर संचालित करता था, जिसमें करीब छह सौ कर्मचारी काम करते थे। आरोपितों ने करीब पांच हजार बीमा पालिसी फर्जी तरीके से चार वर्ष के भीतर बेची हैं। एसटीएफ बरामद डाटा का फारेंसिक आडिट भी कराएगी। गिरोह के पास से तीन कार भी बरामद हुई हैं।


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