Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राज्यकर विभाग ने GST का भुगतान न करने वाले विश्वविद्यालयों पर कसा शिकंजा, बढ़ाया जा सकता है कालेजों का आवेदन व संबद्धता शुल्क

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Fri, 17 Nov 2023 02:54 PM (IST)

    राज्यकर विभाग द्वारा जीएसटी का भुगतान न करने वाले विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसने का असर अब दिखाई देने लगा है। पूर्वांचल विवि के बाद (एकेटीयू) द्वारा राज्यकर विभाग को जीएसटी के रूप में 15.72 करोड़ रुपये की अदायगी की गई है। विश्वविद्यालयों द्वारा कालेजों से आवेदननिरीक्षण व संबद्ध शुल्क लिया जाता है। इन पर राज्यकर विभाग को 18 प्रतिशत के हिसाब से जीएसटी देना होता है।

    Hero Image
    UP News: बढ़ाया जा सकता है कालेजों का आवेदन व संबद्धता शुल्क

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्यकर विभाग द्वारा जीएसटी का भुगतान न करने वाले विश्वविद्यालयों पर शिकंजा कसने का असर अब दिखाई देने लगा है। पूर्वांचल विवि के बाद डा एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) द्वारा राज्यकर विभाग को जीएसटी के रूप में 15.72 करोड़ रुपये की अदायगी की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पांच वर्षों से एकेटीयू ने जीएसटी का भुगतान नहीं किया था। अब एकेटीयू के भुगतान करने के बाद दूसरे विश्वविद्यालयों पर दबाव बढ़ गया है। यही नहीं इसके चलते अब विभिन्न विवि द्वारा कालेजों के आवेदन, निरीक्षण व संबद्धता शुल्क में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। विश्वविद्यालयों द्वारा कालेजों से आवेदन,निरीक्षण व संबद्ध शुल्क लिया जाता है। इन पर राज्यकर विभाग को 18 प्रतिशत के हिसाब से जीएसटी देना होता है।

    प्रदेश के सभी विवि द्वारा शुल्क तो लिया जा रहा था, लेकिन जीएसटी की अदायगी नहीं की जा रही थी। इसकी जानकारी राज्यकर विभाग को तीन माह पूर्व हुई थी। उसके बाद राज्यकर आयुक्त मिनिस्ती एस के निर्देशों पर एसटीएफ की टीम ने सभी विवि को नोटिस जारी किया था कि वह बीते पांत वर्षों में कालेजों से आवेदन, निरीक्षण व संबद्धता शुल्क के रूप में कितनी धनराशि ले चुके हैं इसका ब्योरा भेजें।

    विभाग के नोटिस को किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया था। इसके बाद विवि प्रशासनों से दोबारा संपर्क करके उन्हें बताया कि संबंधित धनराशि पर जीएसटी जमा करवाएं। जीएसटी का नोटिस मिलने के बाद केजीएमयू ने 1.2 करोड़ रुपये जमा करवा दिए। इसके बाद वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर का बैंक खाता जब्त करके राज्यकर विभाग ने बीते माह 1.87 करोड़ रुपये जीएसटी के रूप में जमा करवाए थे।

    इसी सिलसिले में एकेटीयू ने 15.72 करोड़ रुपये जमा करवाए हैं। पहले विवि प्रशासनों को इसकी जानकारी ही नहीं थी कि उन्हें संबंधित कमाई पर जीएसटी का भुगतान भी करना है। अब कमाई में से 18 प्रतिशत जीएसटी के रूप में राज्यकर विभाग को अदायगी करनी पड़ रही है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में विश्वविद्यालयों द्वारा कालेजों से लिए जाने वाले संबद्धता, आवेदन व निरीक्षण शुल्क में बढ़ोत्तरी की जा सकती है।

    उधर एकेटीयू के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि संबद्धता शुल्क पर जीएसटी देने के प्रकरण पर उनके पदभार संभालने से पहले से विवाद चल रहा था। कई कालेज इस प्रकरण पर कोर्ट भी गए थे। ऐसे में अब बकाया जीएसटी भी जमा कर दी गई है और वर्तमान समय कालेजों से जीएसटी बढ़ाकर संबद्धता शुल्क लिया जा रहा है। यही नहीं वर्तमान में जीएसटी जमा भी की जा रही है। फिलहाल अभी इसके बढ़ने से विद्यार्थियों की फीस इत्यादि में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। आगे वित्तीय बोझ अगर बढ़ा तो विचार इस पर किया जाएगा।

    यह भी पढ़ें: Bollywood: ‘पहले डरती थी अब मुझे समुद्र, पानी और तैरना पसंद है'... एक्ट्रेस खुशाली ने बताया कैसे पाया डर पर काबू

    यह भी पढ़ें: Delhi NCR Air Quality: प्रदूषण की चादर में लिपटी रही दिल्ली, NCR सांस लेने लायक नहीं; खतरनाक श्रेणी में पहुंची हवा की गुणवत्ता