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    यूपी के स्कूलों में लागू होने जा रहे ये नियम, अब कसा जाएगा शिकंजा; फीस स्ट्रक्चर में होगा बदलाव

    Updated: Fri, 21 Jun 2024 07:33 PM (IST)

    यूपी के स्कूलों में नए नियम लागू होने वाले हैं। राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण स्कूलों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है। नई नियमावली तैयार की जा रही है और जल्द इसे मंजूरी दिलाई जाएगी। प्राधिकरण के गठित होने के बाद निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी। वह मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे। निजी व सरकारी स्कूलों की जोड़ी बनाई जाएगी।

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    राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण कसेगा स्कूलों पर शिकंजा - जागरण ग्राफिक्स

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण गठित करने की तैयारी तेज कर दी गई है। अब इसकी नियमावली तैयार की जा रही है और जल्द इसे मंजूरी दिलाई जाएगी। प्राधिकरण के गठित होने के बाद निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी। वह मनमानी फीस नहीं वसूल सकेंगे और विभिन्न मानकों को सख्त किया जाएगा। यह स्वायत्त संस्था होगी और इसके अध्यक्ष व सदस्यों के चयन के लिए योग्यता तय की जाएगी।

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    माध्यमिक शिक्षा विभाग को इसकी नियमावली तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। प्राइमरी और माध्यमिक स्कूल अभी बेसिक शिक्षा परिषद व माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से तैयार किए गए नियमों के अनुसार चलाए जा रहे हैं। ऐसे में नियमों को मौजूदा समय की जरूरत के अनुसार अपडेट किया जाएगा और उन्हें सख्ती से लागू कराया जाएगा। प्राधिकरण सभी स्कूलों का मूल्यांकन भी करेगा, जिसके आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी।

    राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से स्कूल स्तर पर गुणवत्ता मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के लिए मदद ली जाएगी। राज्य सरकार निजी स्कूलों पर ज्यादा से ज्यादा शिकंजा कसने पर जोर दे रही है। प्राधिकरण के माध्यम से यह कार्य किया जाएगा। गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ-साथ अभिभावकों की शिकायतों का भी त्वरित निस्तारण किया जा सकेगा। अभी डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी इसकी सुनवाई करती है, लेकिन यह इतना प्रभावी नहीं है।

    निजी व सरकारी स्कूलों की बनाई जाएगी जोड़ी

    सरकारी व निजी स्कूलों का पेयर (जोड़ी) बनाई जाएगी और यह विद्यालय एक-दूसरे के संसाधनों का प्रयोग कर सकेंगे। निजी स्कूलों में बड़े खेल के मैदान नहीं हैं तो वह पास के सरकारी स्कूल के खेल मैदान का प्रयोग कर सकेंगे। वहीं सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी निजी स्कूलों की लाइब्रेरी व कंप्यूटर लैब इत्यादि का उपयोग कर सकेंगे।

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