शासन ने राज्यकर विभाग में कंप्यूटर-प्रिंटर खरीदने के टेंडर को किया रद, अब इस प्रक्रिया से होगी खरीदारी
लखनऊ में राज्यकर विभाग द्वारा कंप्यूटर यूपीएस और प्रिंटर की खरीद के लिए जारी किए गए एक बड़े टेंडर को राज्य सरकार ने रद कर दिया है। ऐसा निविदा प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद किया गया। राज्य कर आयुक्त को अब अलग-अलग निविदाओं के माध्यम से इन वस्तुओं की खरीद करने के लिए कहा गया है ताकि पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित की जा सके।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्यकर विभाग द्वारा करोड़ों रुपये से बड़े पैमाने पर कंप्यूटर, यूपीएस, प्रिंटर आदि खरीदने के लिए निकाले गए टेंडर को राज्य सरकार ने निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। राज्य कर आयुक्त को बिड निरस्त कर अलग-अलग निविदाओं के माध्यम से कंप्यूटर व प्रिंटर खरीदने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल, राज्य कर आयुक्त कार्यालय द्वारा 3487 डेस्कटॉप कंप्यूटर, 3178 प्रिंटर, 3510 यूपीएस व 608 मल्टीफंक्शन मशीन(एमएफएम) खरीदने के लिए निकाली गई निविदा में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर शासन स्तर से जांच कराई गई।
प्रिंटर खरीदने की ऐसी शर्तें रखी गईं कि कुछ कंपनियां ही निविदा में भाग ले सकें। इसके साथ ही निविदा 60-40 में बांटने का प्रावधान किया गया था। जांच में निविदा की शर्तों में गड़बड़ी पाए जाने पर विभागीय प्रमुख सचिव एम देवराज ने संबंधित निविदा को निर्णय करने का निर्णय किया।
इस संबंध में विभागीय विशेष सचिव कृतिका ज्योत्स्ना की ओर से शुक्रवार को राज्य कर आयुक्त को भेजे गए आदेश में निविदा निरस्त कर नए सिरे से डेस्कटाप व यूपीएस और प्रिंटर की अलग-अलग निविदाएं करने के निर्देश दिए गए हैं।
डेस्कटॉप की खरीद में 10 वर्ष के अनुभव वाली कंपनी को रखा जाए। प्रिंटर के संबंध में निविदा में कार्टेज टेक्नोलाजी के मानदंड में कंपोजिट टेक्नोलाजी का मानदंड रखे जाने पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि कार्टेज टेक्नालाजी या तो तकनीकी मानदंड से हटा लिया जाए या फिर कार्टेज टेक्नोलाजी में कंपोजिट या सेपरेट टोनर तथा ड्रम को भी शामिल किया जाए।
प्रिंटर व यूपीएस कंपनी के लिए पांच वर्ष का अनुभव रखा जाए। गुणवता के साथ ही प्रतिस्पर्धा को बेहतर रखने के लिए निविदा को 60-40 में बांटने के प्रावधान के बजाय सिर्फ एल-वन (न्यूनतम) आधारित रखने के भी निर्देश दिए गए हैं।
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