साहित्य की सेवा करने वाले UP के राज्य कर्मचारी सम्मानित, इन्हें मिला एक लाख रुपये का पुरस्कार
राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उप्र के तत्वावधान में पुरस्कार एवं सम्मान समारोह (2020-21) का आयोजन। 24 राज्य कर्मचारियों को एक लाख रुपये साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित इनके अलावा दो अन्य पुरस्कार दिए गए। डा हरिओम की पुस्तक कैलाश मानसरोवर यात्रा- आस्था के वैचारिक आयाम का विमोचन भी किया गया।

लखनऊ, जेएनएन। राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान, उप्र के तत्वावधान में पुरस्कार एवं सम्मान समारोह (2020-21) का आयोजन किया गया। रविवार को कैसरबाग के कलामंडपम सभागार में कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ सीमा गुप्ता द्वारा वाणी वंदना के साथ किया गया।
मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि साहित्य हमें अवसाद से बचाता है। सेवा काल में रहते हुए हम यह सोचते हैं कि हम नहीं रहेंगे तो कार्य कैसे होंगे, लेकिन सत्य तो यह है कि सारे कार्य हमारे होने पर ही हैं। सरकारी काम के साथ अपनी मूल सोच को बचाए रखना जरूरी है। आपके अंदर जो प्रतिभा है, उसे सामने लाएं। ये आपको आत्मसंतोष देगी, अवसाद से मुक्त करेगी।
राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष आइएएस डा हरिओम ने कहा कि साहित्य मानवीय सभ्यता को आगे ले जाने वाली ताकत है। साहित्यकार की दृष्टि बहुरंगी है। इस खूबसूरती को बचाना है। आने वाले वक्त में हम जो अपनी विरासत छोड़ जाएंगे, वही हमारा योगदान है। कार्यक्रम का संचालन डा रश्मिशील और इं. सुनील कुमार बाजपेयी ने किया। संस्थान की गतिविधियों की प्रगति आख्य महामंत्री डा शोभा दीक्षित द्वारा प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर संस्थान की त्रैमासिक पत्रिका अपरिहार्य और डा हरिओम की पुस्तक कैलाश मानसरोवर यात्रा- आस्था के वैचारिक आयाम का विमोचन भी किया गया।
साहित्यिक पुरस्कार (एक लाख रुपये)
- प्रताप नारायण मिश्र पुरस्कार - किताब 'चलो गांवन की ओर' के लिए ओम प्रकाश 'जयंत' (सेवानिवृत्त सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी, सुलतानपुर)
- शिव सिंह सरोज पुरस्कार - दीर्घकालीन साहित्य सेवा (हिंदी पद्य) के लिए घनानंद पाण्डेय मेघ (सेवानिवृत्त निजी सचिव, श्रेणी-2, मुख्य सचिव शाखा, सचिवालय)
- बालकृष्ण भट्ट पुरस्कार - किताब 'दिल दूर रहता है' के लिए प्रो. जसवंत नेगी (सेवानिवृत्त क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, मेरठ)
- कवयित्री महादेवी वर्मा पुरस्कार - 'दोहा वल्लरी' के लिए डा दिनेश चंद्र अवस्थी (सेवानिवृत्त विशेष सचिव एवं वित्त नियंत्रक, विधान सभा)
- पं महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार - 'बेगम सेमरू का सच' के लिए राजगोपाल सिंह वर्मा (सेवानिवृत्त उपनिदेशक, सूचना एवं जन संपर्क विभाग)
- भगवती चरण वर्मा पुरस्कार - दीर्घकालीन साहित्य सेवा (हिंदी गद्य) के लिए एम जोशी हिमानी (सेवानिवृत्त सहायक निदेशक, सूचना एवं जन संपर्क विभाग)
- सुमित्रानन्दन पंत पुरस्कार - दीर्घकालीन साहित्य सेवा (हिंदी पद्य) के लिए सत्येन्द्र कुमार सिंह शलभ (पुलिस महानिरीक्षक, रेलवे सिग्नेचर बिल्डिंग, गोमतीनगर विस्तार)
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार - किताब 'चलौ गांव लौटि चली' के लिए उमाशंकर यादव निशंक (वरिष्ठ सहायक, कलेक्ट्रेट, उन्नाव)
- अमृतलाल नागर पुरस्कार - कृति 'विज्ञान की नई दिशाएं' के लिए डा दीपक कोहली (संयुक्त सचिव, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, सचिवालय)
- डा विद्या निवास मिश्र पुरस्कार - किताब 'हनीमून' के लिए सुशील चन्द श्रीवास्तव (विधि सहायक, कार्यालय आयुक्त, ग्राम्य विकास)
- श्यामसुन्दर दास पुरस्कार - 'ज्योति पुंज' किताब के लिए महावीर सुरेन्द्र मोहन मृदुल (प्रधान सहायक, चकबंदी आयुक्त)
- जयशंकर प्रसाद पुरस्कार - 'कविता जी कर देखो' किताब के लिए डा अम्बरीष कुमार सिंह (अनुसचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, सचिवालय)
- शिवमंगल सिंह सुमन पुरस्कार - किताब 'एक नदी मेरे भीतर' के लिए अजय कुमार त्रिपाठी (एसडीएम, मेंहदावल, संत कबीर नगर)
- गया प्रसाद शुक्ल सनेही पुरस्कार - कृति 'बस्ती के भीतर' के लिए अवध बिहारी श्रीवास्तव (सहायक निबंधक, सहकारी समितियां)
- डॉ हरिवंश राय बच्चन पुरस्कार - कृति 'ख्वाब के साये' के लिए डा अशोक गुलशन (प्रभारी चिकित्साधिकारी, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, बहराइच)
- रामधारी सिंह दिनकर पुरस्कार- कृति 'प्रकाश-दीप' के लिए रामराज भारती (सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक)
- जोश मलिहाबादी पुरस्कार- दीर्घकालीन साहित्य सेवा हिंदी पद्य के लिए ब्रजराज सिंह तोमर (सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त-व्यापार कर, सीतापुर)
- मीर तकी मीर पुरस्कार - दीर्घकालीन साहित्य सेवा (हिंदी गद्य) के लिए प्रमोद कुमार सुमन (श्रम प्रवर्तन अधिकारी, कार्यालय-सहायक श्रम आयुक्त, उप्र)
- मिर्जा असदउल्ला खां गालिब पुरस्कार- किताब 'यूं ही' के लिए डा अखिलेश कुमार मिश्रा (विशेष सचिव, परिवहन विभाग, उप्र सचिवालय)
- फिराक गोरखपुरी पुरस्कार - किताब 'वोट फॉर बुधई' के लिए करुणा शंकर कामले (खाद्य सुरक्षा अधिकारी, कार्यालय खाद्य सुरक्षा एवं औषधि, कलेक्ट्रेट, कानपुर नगर)
- अमीर खुसरो पुरस्कार - डा ऋचा आर्या (कंप्यूटर सहायक, सचिवालय प्रशासन विभाग)
- अकबर इलाहाबादी पुरस्कार - उर्दू पद्य की मौलिक कृति 'कर्ब ए शबनम' के लिए हमीद खां (चौकीदार कार्यालय अधिशासी अभियंता, निर्माण खण्ड लोक निर्माण विभाग, शाहजहांपुर)
- शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय पुरस्कार - दीर्घकालीन साहित्य सेवा गद्य के लिए डा शेख अब्दुल गनी (स्कूल असिस्टेंट (हिंदी), राजकीय हाईस्कूल, भुवनगिरि, तेलंगाना)
- सुब्रह्ममण्यम्भारती पुरस्कार - कृति 'अंतिम छोर' के लिए सतपाल भीखी (शिक्षक, राजकीय प्राथमिक स्कूल, असरपुर, पटियाला, पंजाब)
इनके अलावा दो अन्य पुरस्कार दिए गए
- ओम प्रकाश चतुर्वेदी पराग पुरस्कार (21,000 रुपये) - श्याम नारायण श्रीवास्तव
- रमन लाल अग्रवाल पुरस्कार (11,000 रुपये) - डा गजेन्द्र कुमार पाठक
साहित्य गौरव सम्मान: संस्थान की पत्रिका अपरिहार्य एवं संस्थान को अमूल्य योगदान देने के लिए जुबेर बिन सगीर, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, मुकेश आनन्द, राज महाजन, डा नलिन रंजन सिंह, एसपी गंगवार, डा श्याम बिहारी श्रीवास्तव, रश्मि शाक्य, विनय शंकर दीक्षित, डा कीर्ति विक्रम सिंह, अख्तर जलील, दुर्गा शर्मा, मंजुल मयंक मिश्र, डा शोभा त्रिपाठी, प्रतिभा गुप्ता, शरद मिश्र, श्रवण कुमार सेठ, अरशाना अजमत, निशा सिंह, अलका अस्थाना, जयनारायण, अतुल बाजपेयी, फैज खुमार बाराबंकवी को साहित्य गौरव सम्मान दिया गया। इसके अतिरिक्त डा उमेश आदित्य को प्रशंसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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