Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP: फ्लैट बनाने के लिए अधिकतम कारपेट एरिया का बदला मानक, कम जमीन पर ज्यादा बनेंगे फ्लैट

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 15 Jun 2021 06:19 PM (IST)

    यूपी में अभी एक हेक्टेयर में 330 फ्लैट बनाए जाने का मानक है। कम कमाई वालों का भी अपने घर का सपना पूरा करने के लिए योगी सरकार किफायती आवास नीति में संशोधन कर एक हेक्टेयर में 800 तक फ्लैट बनाए जाने की सशर्त मंजूरी देने जा रही है।

    Hero Image
    यूपी में फ्लैट बनाने के लिए अधिकतम कारपेट एरिया का मानक बदल गया है।

    लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। अब कम जमीन पर ज्यादा फ्लैट बनाए जा सकेंगे। इस तरह के फ्लैट का अधिकतम कारपेट एरिया 90 वर्गमीटर होगा। कीमत भी 40 लाख रुपये से कम रहने का अनुमान है। दरअसल, अभी एक हेक्टेयर में 330 फ्लैट बनाए जाने का ही मानक है। कम कमाई वालों का भी अपने घर का सपना पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार, किफायती आवास नीति में संशोधन कर एक हेक्टेयर में 800 तक फ्लैट बनाए जाने की सशर्त मंजूरी देने जा रही है। इस संबंध में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ऐसे में जल्द ही संबंधित शासनादेश भी जारी कर दिया जाएगा। प्रस्ताव के मुताबिक ज्यादा घनत्व यानी कम जगह में ज्यादा फ्लैट बनाए जाने की छूट उन्हीं विकासकर्ताओं को मिलेगी जिनके 50 फीसद फ्लैट 75 वर्गमीटर कारपेट एरिया से कम के होंगे। 90 वर्गमीटर से अधिक कारपेट एरिया का कोई भी फ्लैट नहीं होगा। जानकारों का मानना है कि इस तरह के फ्लैट का अधिकतम मूल्य 40 लाख रुपये तक होगा।

    मुख्य मार्गों के भवन एक जैसे रंगे जा सकेंगे : सरकार चाहेगी तो शहर के मुख्य मार्गों पर स्थित भवनों को एक रंग में रंगा जा सकेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम के तहत सरकार माडल बायलाज (उपविधियां) बनाने जा रही है। आवास विभाग का भी दायित्व संभाल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष सोमवार को माडल बायलाज के ड्राफ्ट का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद आवास विभाग माडल बायलाज विकास प्राधिकरणों को भेजेगा। माडल बायलाज के आधार पर प्राधिकरण अपने शहर के संबंध में बायलाज बनाकर लागू करेंगे। एक ही तरह का कलर पैटर्न आदि सिर्फ उन्हीं मार्गों के भवनों के लिए होगा जिनमें आवासीय के साथ ही व्यावसायिक गतिविधियां भी हो रही होंगी। पूरी तरह से आवासीय कालोनियों के भवनों के मामले कलर पैटर्न आदि लागू नहीं होगा।

    ग्रीन बेल्ट में बने रह सकेंगे पुराने भवन : अगर किसी क्षेत्र में मास्टर प्लान के तहत ग्रीन बेल्ट घोषित किए जाने से पहले कोई भवन बना है तो वह बाद में भी बना रह सकेगा। इसके लिए भी आवास एवं शहरी नियोजन विभाग बायलाज बनाने जा रहा है। संबंधित प्रस्तुतीकरण देखने के बाद मुख्यमंत्री द्वारा बायलाज के ड्राफ्ट को हरी झंडी दिए जाने से उन भवन स्वामियों को अब राहत मिलने का रास्ता साफ हो गया है जिनके भवन, मास्टर प्लान के तहत ग्रीन बेल्ट में आ गए हैं। बायलाज के लागू होने पर ऐसे भवनों के पहले से ग्रीनबेल्ट में होने का प्रमाणपत्र भवन स्वामी ले सकेगा। हालांकि, भवन स्वामी को भवन में किसी तरह का नया निर्माण या बदलाव करने का अधिकार नहीं होगा।

    comedy show banner
    comedy show banner