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    यूपी के सरकारी अस्पतालों में संविदा पर NHM के माध्यम से भर्ती स्टाफ नर्स का मानदेय 5 प्रतिशत बढ़ा

    By Jagran NewsEdited By: Umesh Tiwari
    Updated: Fri, 11 Nov 2022 09:17 PM (IST)

    UP News यूपी के सरकारी अस्पतालों में संविदा पर एनएचएम के माध्यम से भर्ती स्टाफ नर्स का मानदेय में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। राज्य में कार्यरत 3652 स्टाफ नर्सों को मानदेय वृद्धि का लाभ मिलेगा।

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    एनएचएम के माध्यम से भर्ती नर्सों को मिली राहत।

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के माध्यम से संविदा पर सरकारी अस्पतालों में कार्यरत स्टाफ नर्स के मानदेय में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। केंद्र सरकार ने मानदेय वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक कहते हैं कि मानदेय में वृद्धि होने से स्टाफ नर्स और बेहतर ढंग से अस्पतालों में अपनी सेवाएं देंगी। प्रदेश में डेंगू के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच इस कदम से स्वास्थ्य कर्मियों में सकारात्मक मैसेज जाएगा।

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    उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कुल 4,699 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं और इसमें से 3,652 को मानदेय वृद्धि का लाभ मिलेगा। 1,047 स्टाफ नर्स को नियुक्त हुए अभी एक वर्ष का समय नहीं पूरा हुआ है। ऐसे में इसका लाभ उन्हें आगे दिया जाएगा। इसी वित्तीय वर्ष 2022-23 से बढ़े मानदेय का लाभ दिया जाएगा।

    ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के सामुदायिक स्वाथ्य केंद्रों (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) व हेल्थ सेंटर में तैनात स्टाफ नर्सों को वरिष्ठता के आधार पर 29,374 रुपये से लेकर 20,013 रुपये तक प्रति माह मानदेय दिया जाता है। फिलहाल मानदेय बढ़ाए जाने से स्टाफ नर्स खुश हैं। 

    चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती करेंगे निदेशक

    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के परिधिगत कार्यालयों व अस्पतालों में अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती जिलों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), अस्पतालों मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस), प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक व मंडलीय अपर निदेशक नहीं करेंगे। भर्ती में बड़ी संख्या में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब यह जिम्मा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (प्रशासन) को दिया जाएगा। भर्ती के साथ-साथ यह स्थानांतरण भी करेंगे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शासन को इसका प्रस्ताव भेजा गया है।

    चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती में बीते दिनों बड़ी संख्या में फर्जीवाड़े की शिकायतें सामने आई हैं। ऐसे में निदेशक (प्रशासन) डा. राजागणपति आर की ओर से प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा को यह प्रस्ताव भेजा गया है। दरअसल, बलिया में सीएमओ द्वारा 152 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की फर्जी भर्ती की गई। मेरठ के जिला चिकित्सालय में प्रमुख अधीक्षक पीएल वर्मा बैकलाग के पद न होने पर भी भर्ती कर ली।

    इसी तरह सीएमओ मीरजापुर ने 64 और अंबेडकरनगर के जिला अस्पताल के सीएमएस ने 62 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा किया। ऐसे में मामले लगातार कोर्ट पहुंच रहे हैं। विभाग की स्थिति इससे असहज हो रही है। ऐसे में भर्ती के साथ-साथ कार्यरत 15 हजार चतुर्थ श्रेणी का स्थानांतरण भी निदेशक (प्रशासन) के माध्यम से कराए जाने का प्रस्ताव भेजा गया है।

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